Explanation : व्यक्तिगत सत्याग्रह के तीसरे सत्याग्रही सरदार वल्लभ भाई पटेल थे। वही व्यक्तिगत सत्याग्रह के पहले सत्याग्रही विनोबा भावे और दूसरे सत्याग्रह जवाहरलाल नेहरू थे। औपनिवेशिक सत्ता से मुक्ति पाने के लिए कांग्रेस के विशेष अनुरोध पर महात्मा गांधी द्वारा व्यक्तिगत सत्याग्रह चलाने का निर्णय लिया गया था। 11 अक्टूबर, 1940 को गांधीजी द्वारा ‘व्यक्तिगत सत्याग्रह’ के प्रथम सत्याग्रही के तौर पर विनोबा भावे को चुना गया था। व्यक्तिगत सत्याग्रह वर्धा के निकट पवनार आश्रम से 17 अक्टूबर, 1940 को प्रारंभ हुआ। प्रसिद्धि की चाहत से दूर विनोबा भावे इस सत्याग्रह के कारण बेहद मशहूर हो गए। उनको गांव-गांव में युद्ध विरोधी तक़रीरें करते हुए आगे बढते चले जाना था। व्यक्तिगत सत्याग्रह के दौरान अधिकतर सत्याग्रहियों को गिरफ्तार कर लिया जाता था। जिन सत्याग्रहियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे गांवों की ओर चल देते और अपना संदेश फैलाते हुए दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश करते; इस वजह से इस आंदोलन को ‘दिल्ली चलो आंदोलन’ भी कहा गया है।