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Question 1 of 100
1. Question
Q. ‘पुरालेखशास्त्र’ का अभिप्राय है:
Correct
अभिलेख या शिलालेख के अध्ययन को ‘पुरालेखशास्त्र’ कहते हैं। अभिलेख मुहरों, स्तूपों, चट्टानों और ताम्रपत्रों पर मिलते हैं ये मन्दिर की दीवारों और ईंटों या मूर्तियों पर उत्कीर्ण होते थे।
Incorrect
अभिलेख या शिलालेख के अध्ययन को ‘पुरालेखशास्त्र’ कहते हैं। अभिलेख मुहरों, स्तूपों, चट्टानों और ताम्रपत्रों पर मिलते हैं ये मन्दिर की दीवारों और ईंटों या मूर्तियों पर उत्कीर्ण होते थे।
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Question 2 of 100
2. Question
Q. प्राचीन काल में स्रोत सामग्री लिखने के लिए प्रयुक्त भाषा थी:
Correct
प्राचीन काल में स्रोत सामग्री लिखने के लिए प्रयुक्त भाषा संस्कृत थी। संस्कृत भारत की एक शास्त्रीय भाषा है, यह विश्व की सबसे पुरानी उल्लिखित भाषाओं में से एक है। संस्कृत हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की हिन्द-ईरानी शाखा की हिन्द-आर्य (Indo-Aryan) उपशाखा में शामिल है। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे मैथिली, हिन्दी, उर्दू, कश्मीरी, ओडिया, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी नेपाली आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। संस्कृत में हिन्दू धर्म के सभी ग्रंथ लिखे गये हैं, बौद्ध धर्म की महायान शाखा के ग्रन्थ भी संस्कृत में लिखे गये हैं। वर्तमान में प्राप्त सबसे प्राचीन संस्कृत ग्रन्थ ऋग्वेद है। संस्कृत भाषा का व्याकरण ग्रन्थ पाणिनि की “अष्टाध्यायी” किसी भी भाषा के व्याकरण का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है। इसकी लिपि देवनागरी है। संस्कृत भारत के संविधान में आठवीं अनुसूची में सम्मिलित है तथा यह उत्तराखंड राज्य की राजभाषा भी है।
Incorrect
प्राचीन काल में स्रोत सामग्री लिखने के लिए प्रयुक्त भाषा संस्कृत थी। संस्कृत भारत की एक शास्त्रीय भाषा है, यह विश्व की सबसे पुरानी उल्लिखित भाषाओं में से एक है। संस्कृत हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की हिन्द-ईरानी शाखा की हिन्द-आर्य (Indo-Aryan) उपशाखा में शामिल है। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे मैथिली, हिन्दी, उर्दू, कश्मीरी, ओडिया, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी नेपाली आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। संस्कृत में हिन्दू धर्म के सभी ग्रंथ लिखे गये हैं, बौद्ध धर्म की महायान शाखा के ग्रन्थ भी संस्कृत में लिखे गये हैं। वर्तमान में प्राप्त सबसे प्राचीन संस्कृत ग्रन्थ ऋग्वेद है। संस्कृत भाषा का व्याकरण ग्रन्थ पाणिनि की “अष्टाध्यायी” किसी भी भाषा के व्याकरण का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है। इसकी लिपि देवनागरी है। संस्कृत भारत के संविधान में आठवीं अनुसूची में सम्मिलित है तथा यह उत्तराखंड राज्य की राजभाषा भी है।
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Question 3 of 100
3. Question
Q. मानव द्वारा प्रयुक्त पहली धातु कौन सी थी
Correct
मानव द्वारा प्रयुक्त पहली धातु तांबा (कॉपर) थी। वे तांबे के औजार, हथियार और कंगन बनाते थे। कायथा के एक घर में तांबे के 29 कंगन और दो अद्वितीय ढंग की कुल्हाड़ियाँ पाई गई हैं।
Incorrect
मानव द्वारा प्रयुक्त पहली धातु तांबा (कॉपर) थी। वे तांबे के औजार, हथियार और कंगन बनाते थे। कायथा के एक घर में तांबे के 29 कंगन और दो अद्वितीय ढंग की कुल्हाड़ियाँ पाई गई हैं।
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Question 4 of 100
4. Question
Q. महापाषाण संस्कृति हमें दक्षिण भारत के उस ऐतिहासिक युग से परिचित कराती है, जब महापाषाण काल में उपयोग में लाये जाते थे:
Correct
भारतीय प्रायद्वीप के उच्च भागों में रहने वाले लोग महापाषाण निर्माता कहलाते हैं उनकी जानकारी उनकी कब्रों से हुई है जो महापाषाण कहलाती हैं। इन कब्रों को महापाषाण इसलिए कहते हैं कि इन्हें बड़े-बड़े पत्थरों के टुकड़ों से घेर दिया जाता था। इन कब्रों में दफनाए गए लोगों के न केवल अस्थिपंजर ही बल्कि मृदभांड और लोहे की वस्तुएँ भी मिली हैं।
Incorrect
भारतीय प्रायद्वीप के उच्च भागों में रहने वाले लोग महापाषाण निर्माता कहलाते हैं उनकी जानकारी उनकी कब्रों से हुई है जो महापाषाण कहलाती हैं। इन कब्रों को महापाषाण इसलिए कहते हैं कि इन्हें बड़े-बड़े पत्थरों के टुकड़ों से घेर दिया जाता था। इन कब्रों में दफनाए गए लोगों के न केवल अस्थिपंजर ही बल्कि मृदभांड और लोहे की वस्तुएँ भी मिली हैं।
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Question 5 of 100
5. Question
Q. धातु से बने सिक्के सबसे पहले प्रकट हुए थे:
Correct
धातु से बने सिक्के सबसे पहले बुद्ध के काल में प्रकट हुए थे. धातु से बने निष्क और शतमान शब्द मुद्रा के रूप में माने जाते हैं लेकिन प्रतीत होता है कि वे धातु के बने अलंकरण रहे होंगे। निष्क और शतमान का युग उल्लेख वैदिक ग्रन्थों में मिलते हैं।
Incorrect
धातु से बने सिक्के सबसे पहले बुद्ध के काल में प्रकट हुए थे. धातु से बने निष्क और शतमान शब्द मुद्रा के रूप में माने जाते हैं लेकिन प्रतीत होता है कि वे धातु के बने अलंकरण रहे होंगे। निष्क और शतमान का युग उल्लेख वैदिक ग्रन्थों में मिलते हैं।
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Question 6 of 100
6. Question
Q. कालीबंगन किस प्रदेश में स्थित है?
Correct
कालीबंगन, राजस्थान राज्य के हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी के बायें किनारे पर स्थित हड़प्पा सभ्यता से संबंधित स्थल है। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के बाद कालीबंगा हड़प्पा संस्कृति का तीसरा बड़ा नगर था। यहाँ से उत्खनित अवशेषों में ताँबे से निर्मित औजार हथियार व मूर्तियां मिली है, जो यह प्रकट करती है कि मानव प्रस्तर युग से ताम्रयुग में प्रवेश कर चुका था। यहाँ से प्राप्त तांबे की काली चूड़ियों के कारण ही इसे कालीबंगा कहा जाता है। यहां से मिट्टी की बनी मुहरें मिली है मिट्टी के बर्तन, काँच, सीप, शंख, घोघे आदि से निर्मित आभूषण मिले हैं। नगर नियोजन के साक्ष्य कालीबंगा से भी प्राप्त हुए है। यहाँ से प्राप्त हल से अंकित रेखाओं युक्त खेत यह सिद्ध करते हैं कि यहाँ मानव कृषि भी करता था। अग्निवेदिका तथा विशाल दुर्ग के अवशेष भी प्राप्त हुए है।
Incorrect
कालीबंगन, राजस्थान राज्य के हनुमानगढ़ जिले में घग्घर नदी के बायें किनारे पर स्थित हड़प्पा सभ्यता से संबंधित स्थल है। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के बाद कालीबंगा हड़प्पा संस्कृति का तीसरा बड़ा नगर था। यहाँ से उत्खनित अवशेषों में ताँबे से निर्मित औजार हथियार व मूर्तियां मिली है, जो यह प्रकट करती है कि मानव प्रस्तर युग से ताम्रयुग में प्रवेश कर चुका था। यहाँ से प्राप्त तांबे की काली चूड़ियों के कारण ही इसे कालीबंगा कहा जाता है। यहां से मिट्टी की बनी मुहरें मिली है मिट्टी के बर्तन, काँच, सीप, शंख, घोघे आदि से निर्मित आभूषण मिले हैं। नगर नियोजन के साक्ष्य कालीबंगा से भी प्राप्त हुए है। यहाँ से प्राप्त हल से अंकित रेखाओं युक्त खेत यह सिद्ध करते हैं कि यहाँ मानव कृषि भी करता था। अग्निवेदिका तथा विशाल दुर्ग के अवशेष भी प्राप्त हुए है।
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Question 7 of 100
7. Question
Q. हड़प्पा सभ्यता के बारे में कौन-सी उक्ति सही है?
Correct
उत्खनन से प्राप्त मुहरों पर तीन सिर एवं दो सींग वाले देवता जो एक बाघ, एक हाथी तथा गैंडे से घिरे हुए हैं, जिनके सिंहासन के नीचे एक भैंस तथा पैरों के नीचे दो हिरण हैं। इस बात के परिचायक हैं कि उनकी उपासना पशुपति महादेव के रूप में की जाती थी। अतः इस काल के लोगों ने ‘पशुपति’ का सम्मान करना आरंभ किया था। हड़प्पाई लोगों को ‘अश्व’ अर्थात् घोड़े की जानकारी नहीं थी।
Incorrect
उत्खनन से प्राप्त मुहरों पर तीन सिर एवं दो सींग वाले देवता जो एक बाघ, एक हाथी तथा गैंडे से घिरे हुए हैं, जिनके सिंहासन के नीचे एक भैंस तथा पैरों के नीचे दो हिरण हैं। इस बात के परिचायक हैं कि उनकी उपासना पशुपति महादेव के रूप में की जाती थी। अतः इस काल के लोगों ने ‘पशुपति’ का सम्मान करना आरंभ किया था। हड़प्पाई लोगों को ‘अश्व’ अर्थात् घोड़े की जानकारी नहीं थी।
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Question 8 of 100
8. Question
Q. हड़प्पा के लोगों की सामाजिक पद्धति क्या थी
Correct
हड़प्पा के लोगों की सामाजिक पद्धति उचित समतावादी थी. हड़प्पा संस्कृति का समाज मुख्यतः चार वर्गों में विभाजित था-शासक, धनी या कुलीन वर्ग, मध्यम वर्ग तथा निम्न वर्ग। हड़प्पा की सभ्यता मूलतः समतामूलक सभ्यता थी। कुछ आर्थिक विषमता के बावजूद वर्ग-संघर्ष के विषय में जानकारी नहीं मिलती। अतः हड़प्पा के लोगों की सामाजिक पद्धति उचित समतावादी थी।
Incorrect
हड़प्पा के लोगों की सामाजिक पद्धति उचित समतावादी थी. हड़प्पा संस्कृति का समाज मुख्यतः चार वर्गों में विभाजित था-शासक, धनी या कुलीन वर्ग, मध्यम वर्ग तथा निम्न वर्ग। हड़प्पा की सभ्यता मूलतः समतामूलक सभ्यता थी। कुछ आर्थिक विषमता के बावजूद वर्ग-संघर्ष के विषय में जानकारी नहीं मिलती। अतः हड़प्पा के लोगों की सामाजिक पद्धति उचित समतावादी थी।
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Question 9 of 100
9. Question
Q. हड़प्पा के लोगों की सामाजिक पद्धति कैसी थी
Correct
हड़प्पा के लोगों की सामाजिक पद्धति उचित समतावादी थी. हड़प्पा संस्कृति का समाज मुख्यतः चार वर्गों में विभाजित था-शासक, धनी या कुलीन वर्ग, मध्यम वर्ग तथा निम्न वर्ग। हड़प्पा की सभ्यता मूलतः समतामूलक सभ्यता थी। कुछ आर्थिक विषमता के बावजूद वर्ग-संघर्ष के विषय में जानकारी नहीं मिलती। अतः हड़प्पा के लोगों की सामाजिक पद्धति उचित समतावादी थी।
Incorrect
हड़प्पा के लोगों की सामाजिक पद्धति उचित समतावादी थी. हड़प्पा संस्कृति का समाज मुख्यतः चार वर्गों में विभाजित था-शासक, धनी या कुलीन वर्ग, मध्यम वर्ग तथा निम्न वर्ग। हड़प्पा की सभ्यता मूलतः समतामूलक सभ्यता थी। कुछ आर्थिक विषमता के बावजूद वर्ग-संघर्ष के विषय में जानकारी नहीं मिलती। अतः हड़प्पा के लोगों की सामाजिक पद्धति उचित समतावादी थी।
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Question 10 of 100
10. Question
Q. सिंधु घाटी की खुदाई में मिले अवशेषों में तत्कालीन व्यापारिक और आर्थिक विकास के द्योतक निम्न में से कौन-से हैं?
Correct
सिंघु-सभ्यता का आर्थिक जीवन कृषि, पशुपालन, विभिन्न प्रकार के उद्योग-धंधों तथा व्यापार-वाणिज्य पर आश्रित था। सिंधु-सभ्यता का व्यापार वस्तु विनिमय पर आधारित था, क्योंकि उत्खननों से धातु के मुद्रा का प्रचलन का प्रमाण नहीं मिलता है। परंतु व्यापारियों की मुहरें होती थीं जिनका प्रयोग हुंडी के रूप में होता होगा। इससे व्यापारियों के एक सुगठित वर्ग की सहज ही कल्पना की जा सकती है। इसकी पुष्टि सिंधु-सभ्यता के बड़े-भूभाग में ढेर सारी मिट्टी की मुहरों, एकरूप लिपि और मानकीकृत माप-तौलों के अस्तित्व से भी होती है।
Incorrect
सिंघु-सभ्यता का आर्थिक जीवन कृषि, पशुपालन, विभिन्न प्रकार के उद्योग-धंधों तथा व्यापार-वाणिज्य पर आश्रित था। सिंधु-सभ्यता का व्यापार वस्तु विनिमय पर आधारित था, क्योंकि उत्खननों से धातु के मुद्रा का प्रचलन का प्रमाण नहीं मिलता है। परंतु व्यापारियों की मुहरें होती थीं जिनका प्रयोग हुंडी के रूप में होता होगा। इससे व्यापारियों के एक सुगठित वर्ग की सहज ही कल्पना की जा सकती है। इसकी पुष्टि सिंधु-सभ्यता के बड़े-भूभाग में ढेर सारी मिट्टी की मुहरों, एकरूप लिपि और मानकीकृत माप-तौलों के अस्तित्व से भी होती है।
-
Question 11 of 100
11. Question
Q. भारत में खोजा गया सबसे पहला पुराना शहर था:
Correct
प्राचीन भारत में खोजा गया पहला शहर हड़प्पा था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक जॉन मार्शल के निर्देश पर सन् 1921-22 में दयाराम साहनी ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तत्कालीन माण्टगोमरी (शाहीवाल) जिले में स्थित हड़प्पा के टीले का अन्वेषण किया जो रावी नदी के तट पर स्थित था।
Incorrect
प्राचीन भारत में खोजा गया पहला शहर हड़प्पा था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक जॉन मार्शल के निर्देश पर सन् 1921-22 में दयाराम साहनी ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तत्कालीन माण्टगोमरी (शाहीवाल) जिले में स्थित हड़प्पा के टीले का अन्वेषण किया जो रावी नदी के तट पर स्थित था।
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Question 12 of 100
12. Question
Q. हड़प्पा स्थलों की खुदाई में निम्नलिखित में से क्या नहीं मिला है?
Correct
हड़प्पा स्थलों की खुदाई में शिखर सहित मन्दिर नहीं मिला है। मार्शल का विचार है कि हडप्पा सभ्यता के लोग लकड़ी के मन्दिर बनाते थे। मुहरें हड़प्पा सभ्यता की सर्वोत्तम कलाकृतियाँ हैं। अब तक लगभग 2000 मुहरें प्राप्त हुई हैं। इनमें से अधिकांश मुहरें (लगभग 500) मोहनजोदड़ो से मिली हैं। आमतौर पर मुहरें चौकोर होती थी। चौकोर मुहरों पर लेख व पशुआकृति दोनों होती थीं, जबकि बेलनाकार मुहरों पर ज्यादातर लेख अंकित होते थे। बेलनाकार, वृत्ताकार, आयताकार मुहरें भी मिली हैं। अधिकांश मुहरें सेलखड़ी की बनी होती थीं, परंतु कुछ गोमेद, मिट्टी एवं चर्ट की बनी थीं। मुहरों पर सर्वाधिक चित्र एक सींग वाले साँड (वृषभ) का है।
Incorrect
हड़प्पा स्थलों की खुदाई में शिखर सहित मन्दिर नहीं मिला है। मार्शल का विचार है कि हडप्पा सभ्यता के लोग लकड़ी के मन्दिर बनाते थे। मुहरें हड़प्पा सभ्यता की सर्वोत्तम कलाकृतियाँ हैं। अब तक लगभग 2000 मुहरें प्राप्त हुई हैं। इनमें से अधिकांश मुहरें (लगभग 500) मोहनजोदड़ो से मिली हैं। आमतौर पर मुहरें चौकोर होती थी। चौकोर मुहरों पर लेख व पशुआकृति दोनों होती थीं, जबकि बेलनाकार मुहरों पर ज्यादातर लेख अंकित होते थे। बेलनाकार, वृत्ताकार, आयताकार मुहरें भी मिली हैं। अधिकांश मुहरें सेलखड़ी की बनी होती थीं, परंतु कुछ गोमेद, मिट्टी एवं चर्ट की बनी थीं। मुहरों पर सर्वाधिक चित्र एक सींग वाले साँड (वृषभ) का है।
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Question 13 of 100
13. Question
Q. हड़प्पा सभ्यता की खोज किस वर्ष में हुई थी?
Correct
हड़प्पा सभ्यता की खोज डी.आर साहनी द्वारा 1921 में हुई थी। मोहनजोदड़ो की खोज 1922 में हुई थी।
Incorrect
हड़प्पा सभ्यता की खोज डी.आर साहनी द्वारा 1921 में हुई थी। मोहनजोदड़ो की खोज 1922 में हुई थी।
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Question 14 of 100
14. Question
Q. सिंधु घाटी की प्राचीन संस्कृति और आज के हिंदू धर्म के बीच जैव संबंध का प्रमाण किसकी पूजा से मिलता है?
Correct
सिंधु घाटी की प्राचीन संस्कृति और आज के हिंदू धर्म के बीच जैव (ऑर्गेनिक) संबंध का प्रमाण पत्थर, पेड़ और पशु की पूजा से मिलता है।
Incorrect
सिंधु घाटी की प्राचीन संस्कृति और आज के हिंदू धर्म के बीच जैव (ऑर्गेनिक) संबंध का प्रमाण पत्थर, पेड़ और पशु की पूजा से मिलता है।
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Question 15 of 100
15. Question
Q. ईंटों की कृत्रिम गोदी वाला एकमात्र सिन्धु स्थल कौन-सा था?
Correct
ईंटों की कृत्रिम गोदी (डाकयार्ड, या बंदरगाह) वाला एक मात्र सैंधव स्थल लोथल है। लोथल गुजरात के खम्भात की खाड़ी में साबरमती नदी की एक सहायक नदी भोगवा के तट पर स्थित है। यह अहमदाबाद जिले के ढोलका तालुका के गाँव सरगवाला के निकट स्थित है। इसकी खोज 1954 में हुयी यहाँ से अग्निकुंड अन्न के साक्ष्य तथा फयान्स की चूड़ियाँ मिली है फयान्स घिसी हुयी रेत तथा रंग और चिपचिपे पदार्थ के मिश्रण को पकाकर तैयार किया जाता था, इससे कीमती वस्तुएँ बनायी जाती थी। लोथल में आवासीय निर्माण में कच्ची ईंटों का प्रयोग होता था जबकि नालियों के निर्माण में पक्की ईंटों का प्रयोग होता था। लोथल बन्दरगाह से पश्चिमी देशों मेसोपोटामिया, आदि के साथ व्यापार किया जाता था।
Incorrect
ईंटों की कृत्रिम गोदी (डाकयार्ड, या बंदरगाह) वाला एक मात्र सैंधव स्थल लोथल है। लोथल गुजरात के खम्भात की खाड़ी में साबरमती नदी की एक सहायक नदी भोगवा के तट पर स्थित है। यह अहमदाबाद जिले के ढोलका तालुका के गाँव सरगवाला के निकट स्थित है। इसकी खोज 1954 में हुयी यहाँ से अग्निकुंड अन्न के साक्ष्य तथा फयान्स की चूड़ियाँ मिली है फयान्स घिसी हुयी रेत तथा रंग और चिपचिपे पदार्थ के मिश्रण को पकाकर तैयार किया जाता था, इससे कीमती वस्तुएँ बनायी जाती थी। लोथल में आवासीय निर्माण में कच्ची ईंटों का प्रयोग होता था जबकि नालियों के निर्माण में पक्की ईंटों का प्रयोग होता था। लोथल बन्दरगाह से पश्चिमी देशों मेसोपोटामिया, आदि के साथ व्यापार किया जाता था।
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Question 16 of 100
16. Question
Q. सिंधु सभ्यता के टेराकोटा की मूर्तियों में निम्नलिखित में से कौन-सा पालतू जानवर विद्यमान नहीं था?
Correct
हड़प्पा में मिली पकी मिट्टी (टेराकोटा) की ज्यादातर मूर्तियाँ जानवरों की हैं लेकिन उनमें गाय की मूर्ति नहीं मिली है।
Incorrect
हड़प्पा में मिली पकी मिट्टी (टेराकोटा) की ज्यादातर मूर्तियाँ जानवरों की हैं लेकिन उनमें गाय की मूर्ति नहीं मिली है।
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Question 17 of 100
17. Question
Q. सिंधु सभ्यता के टेराकोटा की मूर्तियों में कौन-सा पालतू जानवर विद्यमान नहीं था?
Correct
हड़प्पा में मिली पकी मिट्टी (टेराकोटा) की ज्यादातर मूर्तियाँ जानवरों की हैं लेकिन उनमें गाय की मूर्ति नहीं मिली है।
Incorrect
हड़प्पा में मिली पकी मिट्टी (टेराकोटा) की ज्यादातर मूर्तियाँ जानवरों की हैं लेकिन उनमें गाय की मूर्ति नहीं मिली है।
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Question 18 of 100
18. Question
Q. बिना दुर्ग के एक मात्र सिन्धु नगर कौन-सा था?
Correct
बिना दुर्ग के एक मात्र सिन्धु नगर चन्हुदड़ो (पाकिस्तान) था। गोपाल मजुमदार के नेतृत्व में सिन्धु नदी के किनारे 1931 ई ० में इसका उत्खनन कराया गया था।
Incorrect
बिना दुर्ग के एक मात्र सिन्धु नगर चन्हुदड़ो (पाकिस्तान) था। गोपाल मजुमदार के नेतृत्व में सिन्धु नदी के किनारे 1931 ई ० में इसका उत्खनन कराया गया था।
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Question 19 of 100
19. Question
Q. सिन्धु घाटी सभ्यता की मुख्य विशेषता थी:
Correct
हड़प्पा संस्कृति की विशेषता थी- इसकी नगर-योजना प्रणाली। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो दोनों नगरों के अपने-अपने दुर्ग थे जहाँ शासक वर्ग का परिवार रहता था। प्रत्येक नगर में दुर्ग के बाहर एक-एक उससे निम्न स्तर का शहर था जहाँ ईंटों के मकानों में सामान्य लोग रहते थे। सड़कें एक दूसरे से समकोण बनाते हुए काटती थी और नगर अनेक वर्गों में विभक्त थे। यह बात सभी सिन्धु बस्तियों पर लागू थी, चाहे छोटी हो या बड़ी।
Incorrect
हड़प्पा संस्कृति की विशेषता थी- इसकी नगर-योजना प्रणाली। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो दोनों नगरों के अपने-अपने दुर्ग थे जहाँ शासक वर्ग का परिवार रहता था। प्रत्येक नगर में दुर्ग के बाहर एक-एक उससे निम्न स्तर का शहर था जहाँ ईंटों के मकानों में सामान्य लोग रहते थे। सड़कें एक दूसरे से समकोण बनाते हुए काटती थी और नगर अनेक वर्गों में विभक्त थे। यह बात सभी सिन्धु बस्तियों पर लागू थी, चाहे छोटी हो या बड़ी।
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Question 20 of 100
20. Question
Q. सिंधु घाटी सभ्यता के लोग प्रायः अपने मकान बनाते थे:
Correct
सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग प्रायः अपने मकान पक्की ईंटों से बनाते थे। इस सभ्यता की विशेषता थी इसकी नगर-योजना प्रणाली।
Incorrect
सिन्धु घाटी सभ्यता के लोग प्रायः अपने मकान पक्की ईंटों से बनाते थे। इस सभ्यता की विशेषता थी इसकी नगर-योजना प्रणाली।
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Question 21 of 100
21. Question
Q. देवी माता की पूजा संबंधित थी:
Correct
देवी माता की पूजा सिन्धु घाटी सभ्यता से संबंधित थी। मोहनजोदड़ो से स्त्री की मूर्ति मिली है जिसे देवी कहा गया है। हड़प्पा से एक मुद्रा पर ऊपर की ओर पैर तथा नीचे की ओर सिर किये हुए उस पर एक नारी का चित्र है चित्र में पैर फैले हुए हैं तथा गर्भ से एक पौधा निकल रहा है।
Incorrect
देवी माता की पूजा सिन्धु घाटी सभ्यता से संबंधित थी। मोहनजोदड़ो से स्त्री की मूर्ति मिली है जिसे देवी कहा गया है। हड़प्पा से एक मुद्रा पर ऊपर की ओर पैर तथा नीचे की ओर सिर किये हुए उस पर एक नारी का चित्र है चित्र में पैर फैले हुए हैं तथा गर्भ से एक पौधा निकल रहा है।
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Question 22 of 100
22. Question
Q. मोहनजोदड़ो में सबसे बड़ा भवन कौन-सा है?
Correct
मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत अन्नागार या अन्नकोठार या धान्यागार है। यह 45.71 मी. लम्बा और 15.23 मी. चौडा है।
Incorrect
मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत अन्नागार या अन्नकोठार या धान्यागार है। यह 45.71 मी. लम्बा और 15.23 मी. चौडा है।
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Question 23 of 100
23. Question
Q. निम्नलिखित विद्वानों में से ‘हड़प्पा सभ्यता’ का सर्वप्रथम खोजकर्ता कौन था?
Correct
हड़प्पा सभ्यता का सर्वप्रथम खोजकर्ता दयाराम साहनी थे। हड़प्पा मोन्टगोमरी जिले (पश्चिमी पंजाब) में रावी नदी के तट पर स्थित है। हड़प्पा की खुदाई सबसे पहले हुई इसी कारण इसे हड़प्पाई संस्कृति कहा जाता है।
Incorrect
हड़प्पा सभ्यता का सर्वप्रथम खोजकर्ता दयाराम साहनी थे। हड़प्पा मोन्टगोमरी जिले (पश्चिमी पंजाब) में रावी नदी के तट पर स्थित है। हड़प्पा की खुदाई सबसे पहले हुई इसी कारण इसे हड़प्पाई संस्कृति कहा जाता है।
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Question 24 of 100
24. Question
Q. निम्नलिखित में से कौन हड़प्पा संस्कृति के अध्ययन के साथ संबद्ध नहीं है?
Correct
हड़प्पा संस्कृति के अध्ययन के साथ चार्ल्स मैसन, कनिंघम, एम. व्हीलर, माधोस्वरूप वत्स आदि जुड़े थे जबकि पी.एस. वत्स का इससे कोई संबंध नहीं था।
Incorrect
हड़प्पा संस्कृति के अध्ययन के साथ चार्ल्स मैसन, कनिंघम, एम. व्हीलर, माधोस्वरूप वत्स आदि जुड़े थे जबकि पी.एस. वत्स का इससे कोई संबंध नहीं था।
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Question 25 of 100
25. Question
Q. किस द्रव्य का उपयोग हड़प्पा-काल की मुद्राओं के निर्माण में मुख्य रूप से किया गया था?
Correct
टेराकोटा (मृणमूर्तियां मिट्टी की मूर्तियां) सैंधव सभ्यता में उपलब्ध ‘शिल्प-आकृतियों’ में मृणमूर्तियां प्रचुर मात्रा में पायी गयी हैं। मृणमूर्तियां लाल रंग की बढ़िया गूथी हुई तथा ठोस पकाई मिट्टी से निर्मित होती है जिन पर लाल रंग का लेप होता है, कभी-कभी चटक रंग भी पाया जाता है। साँचे में ढालकर निर्मित कतिपय मृणमूर्तियों के अतिरिक्त अधिकांश मूर्तियां हाथ से बनाई गयी हैं इनमें मानव मूर्तियां ठोस है जबकि पशु-पक्षियों की मूर्तियां प्रायः खोखली प्राप्त हुयी हैं। हड़प्पा में नारी आकृतियों का बाहुल्य है जबकि मोहनजोदड़ो में पुरुष आकृतियां अधिक मात्रा में पायी गयी हैं।
Incorrect
टेराकोटा (मृणमूर्तियां मिट्टी की मूर्तियां) सैंधव सभ्यता में उपलब्ध ‘शिल्प-आकृतियों’ में मृणमूर्तियां प्रचुर मात्रा में पायी गयी हैं। मृणमूर्तियां लाल रंग की बढ़िया गूथी हुई तथा ठोस पकाई मिट्टी से निर्मित होती है जिन पर लाल रंग का लेप होता है, कभी-कभी चटक रंग भी पाया जाता है। साँचे में ढालकर निर्मित कतिपय मृणमूर्तियों के अतिरिक्त अधिकांश मूर्तियां हाथ से बनाई गयी हैं इनमें मानव मूर्तियां ठोस है जबकि पशु-पक्षियों की मूर्तियां प्रायः खोखली प्राप्त हुयी हैं। हड़प्पा में नारी आकृतियों का बाहुल्य है जबकि मोहनजोदड़ो में पुरुष आकृतियां अधिक मात्रा में पायी गयी हैं।
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Question 26 of 100
26. Question
Q. हड़प्पा-वासी किस वस्तु के उत्पादन में अग्रणी थे?
Correct
सबसे पहले कपास पैदा करने का श्रेय सिन्धु सभ्यता के लोगों को है। चूंकि कपास का उत्पादन सबसे पहले सिन्धु क्षेत्र में ही हुआ, इसलिए यूनान के लोग इसे सिन्डन कहने लगे जो सिन्धु शहर से उद्भूत हुआ है।
Incorrect
सबसे पहले कपास पैदा करने का श्रेय सिन्धु सभ्यता के लोगों को है। चूंकि कपास का उत्पादन सबसे पहले सिन्धु क्षेत्र में ही हुआ, इसलिए यूनान के लोग इसे सिन्डन कहने लगे जो सिन्धु शहर से उद्भूत हुआ है।
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Question 27 of 100
27. Question
Q. हड़प्पा की सभ्यता किस युग की थी?
Correct
हड़प्पा की सभ्यता कांस्य युग की है। इस संस्कृति के लोग पत्थर के बहुत सारे औजारों और उपकरणों का प्रयोग करते थे, लेकिन वे कांस्य के निर्माण और प्रयोग से भली-भाँति परिचित थे। काँसा तांबे में टिन मिलाकर धातुशिल्पियों द्वारा बनाया जाता था।
Incorrect
हड़प्पा की सभ्यता कांस्य युग की है। इस संस्कृति के लोग पत्थर के बहुत सारे औजारों और उपकरणों का प्रयोग करते थे, लेकिन वे कांस्य के निर्माण और प्रयोग से भली-भाँति परिचित थे। काँसा तांबे में टिन मिलाकर धातुशिल्पियों द्वारा बनाया जाता था।
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Question 28 of 100
28. Question
Q. सिंधु घाटी की सभ्यता के लोगों का मुख्य व्यवसाय क्या था?
Correct
सैंधव निवासियों के जीवन का मुख्य उद्यम कृषि कर्म था। सिन्धु घाटी की भूमि अत्यन्त उपजाऊ थी। सिन्धु तथा उसकी सहायक नदियाँ प्रतिवर्ष उर्वरा मिट्टी बहाकर लाती थी जिनमें पैदावार काफी अच्छी होती थी। यहाँ के प्रमुख खाद्यान गेहूँ तथा जौ थे। कृषि के अधिशेष उत्पादन ने ही उन्हें व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित किया।
Incorrect
सैंधव निवासियों के जीवन का मुख्य उद्यम कृषि कर्म था। सिन्धु घाटी की भूमि अत्यन्त उपजाऊ थी। सिन्धु तथा उसकी सहायक नदियाँ प्रतिवर्ष उर्वरा मिट्टी बहाकर लाती थी जिनमें पैदावार काफी अच्छी होती थी। यहाँ के प्रमुख खाद्यान गेहूँ तथा जौ थे। कृषि के अधिशेष उत्पादन ने ही उन्हें व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित किया।
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Question 29 of 100
29. Question
Q. हड़प्पा के निवासी
Correct
हड़प्पा के निवासी शहरी थे। सिन्धु घाटी सभ्यता की प्रमुख विशेषता नगरीय सभ्यता थी। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो उच्चकोटि के नगर निवेश का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
Incorrect
हड़प्पा के निवासी शहरी थे। सिन्धु घाटी सभ्यता की प्रमुख विशेषता नगरीय सभ्यता थी। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो उच्चकोटि के नगर निवेश का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
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Question 30 of 100
30. Question
Q. सिंधी में ‘मोहनजोदड़ो’ का क्या अर्थ है?
Correct
सिंधी में मोहनजोदड़ो की व्याख्या ‘मृत व्यक्तियों के टीले’ और ‘मोहन के टीले’ (यहाँ मोहन का अर्थ कृष्ण से है) के रूप में की जाती है। इस शहर का वास्तविक नाम ज्ञात नहीं हो सका है। मोहनजोदड़ो पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में सिन्धु नदी के पश्चिम में स्थित है।
Incorrect
सिंधी में मोहनजोदड़ो की व्याख्या ‘मृत व्यक्तियों के टीले’ और ‘मोहन के टीले’ (यहाँ मोहन का अर्थ कृष्ण से है) के रूप में की जाती है। इस शहर का वास्तविक नाम ज्ञात नहीं हो सका है। मोहनजोदड़ो पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में सिन्धु नदी के पश्चिम में स्थित है।
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Question 31 of 100
31. Question
Q. हड़प्पा किस नदी के किनारे पर स्थित है?
Correct
‘हड़प्पा’ सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थलों में से एक है, सन् 1921 में जॉनमार्शल के निर्देशन में दयाराम साहनी ने इस जगह पर सर्वप्रथम उत्खनन करवाया था। यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी के किनारे स्थित है। हड़प्पा के दो खंड है पूर्वी खंड तो पूरी तरह से नष्ट हो चुका है लेकिन पश्चिमी खंड में किलेबंदी के साक्ष्य मिले हैं जिसका मुख्य मार्ग उत्तर में था। साक्ष्यों के अनुसार उत्तरी द्वार और रावी नदी के बीच एक अन्नभंडार, श्रमिक आवास और ईटों से जुड़े चबूतरे थे जिनमें अनाज रखने के लिए कोटर बने थे। सामान्य आवास के दक्षिण में एक कब्रिस्तान भी मिला है। हड़प्पा आज के पाकिस्तान में स्थित है।
Incorrect
‘हड़प्पा’ सिन्धु सभ्यता के प्रमुख स्थलों में से एक है, सन् 1921 में जॉनमार्शल के निर्देशन में दयाराम साहनी ने इस जगह पर सर्वप्रथम उत्खनन करवाया था। यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी के किनारे स्थित है। हड़प्पा के दो खंड है पूर्वी खंड तो पूरी तरह से नष्ट हो चुका है लेकिन पश्चिमी खंड में किलेबंदी के साक्ष्य मिले हैं जिसका मुख्य मार्ग उत्तर में था। साक्ष्यों के अनुसार उत्तरी द्वार और रावी नदी के बीच एक अन्नभंडार, श्रमिक आवास और ईटों से जुड़े चबूतरे थे जिनमें अनाज रखने के लिए कोटर बने थे। सामान्य आवास के दक्षिण में एक कब्रिस्तान भी मिला है। हड़प्पा आज के पाकिस्तान में स्थित है।
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Question 32 of 100
32. Question
Q. किस स्थान पर, हड़प्पन समय के रथ की एक प्रतिमा प्राप्त हुई थी?
Correct
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के दैमाबाद में हड़प्पा संस्कृति के समय के रथ की एक मूर्ति प्राप्त हुई है। यह रथ 45 सेमी. लंबा और 16 सेमी. चौड़ा है, जिसमें दो बैल जुते हैं, जिसे 16 सेमी. की ऊँचाई पर खड़े एक पुरुष द्वारा खींचा जा रहा है। यह स्थल खुदाई से प्राप्त हड़प्पा संस्कृति की कांसे की कई वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध है।
Incorrect
महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के दैमाबाद में हड़प्पा संस्कृति के समय के रथ की एक मूर्ति प्राप्त हुई है। यह रथ 45 सेमी. लंबा और 16 सेमी. चौड़ा है, जिसमें दो बैल जुते हैं, जिसे 16 सेमी. की ऊँचाई पर खड़े एक पुरुष द्वारा खींचा जा रहा है। यह स्थल खुदाई से प्राप्त हड़प्पा संस्कृति की कांसे की कई वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध है।
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Question 33 of 100
33. Question
Q. किस जिले में मोहनजोदड़ो स्थित है?
Correct
सिंधु सभ्यता के स्थल मोहनजोदड़ो पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में स्थित है। इसका उत्खनन राखाल दास बनर्जी ने 1922 ई. में किया था। यहाँ पाए जाने वाले मुख्य अवशेषों में स्नानागार, अन्न भण्डार, कॉलेजिएट भवन आदि शामिल हैं।
Incorrect
सिंधु सभ्यता के स्थल मोहनजोदड़ो पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में स्थित है। इसका उत्खनन राखाल दास बनर्जी ने 1922 ई. में किया था। यहाँ पाए जाने वाले मुख्य अवशेषों में स्नानागार, अन्न भण्डार, कॉलेजिएट भवन आदि शामिल हैं।
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Question 34 of 100
34. Question
Q. निम्नलिखित में से किस वेद में प्राचीन वैदिक युग की सभ्यता के बारे में सूचना दी गई है?
Correct
आर्यों की सभ्यता वैदिक सभ्यता के नाम से विख्यात् है। स्रोतों के आधार पर संपूर्ण सभ्यता को दो भागों-ऋग्वैदिक सभ्यता (1500-1000 ई ० पू ०) और उत्तर-वैदिक सभ्यता (1000-600 ई ० पू ०) में विभक्त किया गया है। जिस काल में ऋग्वेद की रचना हुई, उसे ऋग्वैदिक काल कहा गया। जिस काल में ऋग्वेद के अतिरिक्त अन्य तीन वेद यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद, ब्राह्मण, उपनिषद् एवं आरण्यक आदि ग्रन्थों की रचना हुई, उसे उत्तर-वैदिक काल कहा गया है।
Incorrect
आर्यों की सभ्यता वैदिक सभ्यता के नाम से विख्यात् है। स्रोतों के आधार पर संपूर्ण सभ्यता को दो भागों-ऋग्वैदिक सभ्यता (1500-1000 ई ० पू ०) और उत्तर-वैदिक सभ्यता (1000-600 ई ० पू ०) में विभक्त किया गया है। जिस काल में ऋग्वेद की रचना हुई, उसे ऋग्वैदिक काल कहा गया। जिस काल में ऋग्वेद के अतिरिक्त अन्य तीन वेद यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद, ब्राह्मण, उपनिषद् एवं आरण्यक आदि ग्रन्थों की रचना हुई, उसे उत्तर-वैदिक काल कहा गया है।
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Question 35 of 100
35. Question
Q. निम्नलिखित में से वह दस्तकारी कौन-सी है जो आर्यों द्वारा व्यवहार में नहीं लाई गई थी?
Correct
लुहार (लुहारगीरी) आर्यों द्वारा व्यवहार में नहीं लाई गई थी। चूंकि ऋग्वैदिक काल में आर्यों को लोहे की जानकारी नहीं थी। इसलिए लुहारगिरी के व्यवसाय से वे अपरिचित थे। ऋग्वैदिक आर्यों को बढईगीरी, कुम्हार, बुनकर, चर्मकार, रथकार, स्वर्णकार आदि के बारे में मालूम था परंतु उस समय लुहार की जानकारी नहीं थी जबकि उत्तर वैदिक काल में लोहे की जानकारी आर्यों को हो गयी थी।
Incorrect
लुहार (लुहारगीरी) आर्यों द्वारा व्यवहार में नहीं लाई गई थी। चूंकि ऋग्वैदिक काल में आर्यों को लोहे की जानकारी नहीं थी। इसलिए लुहारगिरी के व्यवसाय से वे अपरिचित थे। ऋग्वैदिक आर्यों को बढईगीरी, कुम्हार, बुनकर, चर्मकार, रथकार, स्वर्णकार आदि के बारे में मालूम था परंतु उस समय लुहार की जानकारी नहीं थी जबकि उत्तर वैदिक काल में लोहे की जानकारी आर्यों को हो गयी थी।
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Question 36 of 100
36. Question
Q. भारतीय शासन के प्रतीक ये शब्द “सत्यमेव जयते’ निम्नलिखित किस ग्रंथ से लिए गए हैं?
Correct
सत्यमेव जयते प्राचीन भारतीय साहित्य मुंडक उपनिषद् से लिया गया सूक्त वाक्य है जिसे भारत सरकार ने राष्ट्रीय प्रतीक वाक्य के रूप में अपनाया है। सत्यमेव जयते का अर्थ है “सदा सत्य की विजय” होती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग पंडित मदनमोहन मालवीय (भारत रत्न 2015) द्वारा वर्ष 1918 में उस समय किया गया जब वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता कर रहे थे।
Incorrect
सत्यमेव जयते प्राचीन भारतीय साहित्य मुंडक उपनिषद् से लिया गया सूक्त वाक्य है जिसे भारत सरकार ने राष्ट्रीय प्रतीक वाक्य के रूप में अपनाया है। सत्यमेव जयते का अर्थ है “सदा सत्य की विजय” होती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग पंडित मदनमोहन मालवीय (भारत रत्न 2015) द्वारा वर्ष 1918 में उस समय किया गया जब वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन की अध्यक्षता कर रहे थे।
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Question 37 of 100
37. Question
Q. निम्नलिखित में से कौन सा प्राचीन भारतीय नगर तीन विद्वान संतों-कपिल, गार्गी और मैत्रेय-का घर था?
Correct
वह प्राचीन भारतीय नगर मिथिला था जो वैदिक काल में तीन विद्वान संतों कपिल, गार्गी तथा मैत्रेयी का घर था। मिथिला का प्रारम्भिक उल्लेख रामायण में मिलता है। गार्गी वैदिक युग की प्रथम महिला दार्शनिक संत थी जो राजा जनक के दरबार में रहती थी। गार्गी ने बृहदारण्यक उपनिषद् की रचना किया था। आधुनिक काल में मिथिला नेपाल के धनुषा जिले में स्थित है।
Incorrect
वह प्राचीन भारतीय नगर मिथिला था जो वैदिक काल में तीन विद्वान संतों कपिल, गार्गी तथा मैत्रेयी का घर था। मिथिला का प्रारम्भिक उल्लेख रामायण में मिलता है। गार्गी वैदिक युग की प्रथम महिला दार्शनिक संत थी जो राजा जनक के दरबार में रहती थी। गार्गी ने बृहदारण्यक उपनिषद् की रचना किया था। आधुनिक काल में मिथिला नेपाल के धनुषा जिले में स्थित है।
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Question 38 of 100
38. Question
Q. वेदों को माना जाता है:
Correct
वेद का अर्थ ज्ञान होता है। भारतीय परम्परा में वेदों को अपौरुषेय कहा गया है। ब्रह्म ने कुछ ऋषियों को मन्त्रों का प्रकाश दिया। ऋषियों ने अपने शिष्यों को बताया। कालान्तर में वेद व्यास ने इस ज्ञान को संकलित कर लिया। इसी कारण वेदों को ‘श्रुति’ भी कहा गया है।
Incorrect
वेद का अर्थ ज्ञान होता है। भारतीय परम्परा में वेदों को अपौरुषेय कहा गया है। ब्रह्म ने कुछ ऋषियों को मन्त्रों का प्रकाश दिया। ऋषियों ने अपने शिष्यों को बताया। कालान्तर में वेद व्यास ने इस ज्ञान को संकलित कर लिया। इसी कारण वेदों को ‘श्रुति’ भी कहा गया है।
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Question 39 of 100
39. Question
Q. ‘वेद’ शब्द का अर्थ है:
Correct
‘वेद’ शब्द का अर्थ ‘ज्ञान’ होता है। भारतीय परम्परा में वेदों को अपौरुषेय माना गया है। ब्रह्म ने कुछ ऋषियों को मन्त्रों का प्रकाश दिया। ऋषियों ने अपने शिष्यों को बताया। कालांतर में वेद व्यास ने इस ज्ञान को संकलित किया जिसे श्रुति कहा जाने लगा।
Incorrect
‘वेद’ शब्द का अर्थ ‘ज्ञान’ होता है। भारतीय परम्परा में वेदों को अपौरुषेय माना गया है। ब्रह्म ने कुछ ऋषियों को मन्त्रों का प्रकाश दिया। ऋषियों ने अपने शिष्यों को बताया। कालांतर में वेद व्यास ने इस ज्ञान को संकलित किया जिसे श्रुति कहा जाने लगा।
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Question 40 of 100
40. Question
Q. वैदिक लोगों द्वारा किस धातु का प्रयोग पहले किया गया था?
Correct
वैदिक लोगों द्वारा ताँबा का प्रयोग पहले किया गया था। ताँबे की वस्तुएँ चित्रित धूसर मृभांड स्थलों में पाई गई हैं। इन वस्तुओं का उपयोग मुख्यतः लडाई और शिकार तथा आभूषण के रूप में भी किया जाता था। ई. पूर्व काल के तांबे के बहुत सारे औजार जो पश्चिम उत्तर प्रदेश और बिहार से मिले हैं, उनसे प्रकट होता है कि वैदिक और वैदिकेत्तर दोनों समाजों में ताम्र शिल्पी थे।
Incorrect
वैदिक लोगों द्वारा ताँबा का प्रयोग पहले किया गया था। ताँबे की वस्तुएँ चित्रित धूसर मृभांड स्थलों में पाई गई हैं। इन वस्तुओं का उपयोग मुख्यतः लडाई और शिकार तथा आभूषण के रूप में भी किया जाता था। ई. पूर्व काल के तांबे के बहुत सारे औजार जो पश्चिम उत्तर प्रदेश और बिहार से मिले हैं, उनसे प्रकट होता है कि वैदिक और वैदिकेत्तर दोनों समाजों में ताम्र शिल्पी थे।
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Question 41 of 100
41. Question
Q. भारत में वर्ण व्यवस्था किस लिए बनाई गई थी?
Correct
भारत में वर्ण व्यवस्था व्यावसायिक श्रम विभाजन के लिए बनाई गई थी। ऋग्वेद के वर्ण शब्द रंग के अर्थ में तथा कहीं-कहीं व्यवसाय चयन के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। इस समय वर्गों में जटिलता नही आई थी। वर्ण जन्मजात न होकर व्यवसाय पर आधारित होते थे। व्यवसाय परिवर्तन सम्भव था। ऋग्वेद के एक स्थान पर एक ऋषि कहता है- ‘मैं कवि हूँ। मेरा पिता वैद्य हैं तथा मेरी माता अन्न पीसने वाली है।
Incorrect
भारत में वर्ण व्यवस्था व्यावसायिक श्रम विभाजन के लिए बनाई गई थी। ऋग्वेद के वर्ण शब्द रंग के अर्थ में तथा कहीं-कहीं व्यवसाय चयन के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। इस समय वर्गों में जटिलता नही आई थी। वर्ण जन्मजात न होकर व्यवसाय पर आधारित होते थे। व्यवसाय परिवर्तन सम्भव था। ऋग्वेद के एक स्थान पर एक ऋषि कहता है- ‘मैं कवि हूँ। मेरा पिता वैद्य हैं तथा मेरी माता अन्न पीसने वाली है।
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Question 42 of 100
42. Question
Q. भारतीय संगीत का उद्गम किसमें खोजा जा सकता है।
Correct
भारतीय संगीत का उद्गम सामवेद की संहिता में खोजा जा सकता है। सामवेद में यज्ञों के अवसर पर गाये जाने वाले मंत्रों का संग्रह है। जो व्यक्ति इसे गाता था उसे उद्गाता कहा जाता था।
Incorrect
भारतीय संगीत का उद्गम सामवेद की संहिता में खोजा जा सकता है। सामवेद में यज्ञों के अवसर पर गाये जाने वाले मंत्रों का संग्रह है। जो व्यक्ति इसे गाता था उसे उद्गाता कहा जाता था।
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Question 43 of 100
43. Question
Q. उत्तर वैदिक काल के वेद विरोधी और ब्राह्मण विरोधी धार्मिक अध्यापकों को किस नाम से जाना जाता था?
Correct
उत्तर वैदिक काल में वेद विरोधी (वैदिक धर्म का विरोध करने वाले) सभी आचार्य (अध्यापक)’ श्रमण ‘कहे जाते थे जो एक उपदेशक के रूप में संन्यास परंपरा के समर्थक थे। वैदिक यज्ञवाद तथा कर्मप्रधान प्रवृत्ति मार्ग का इन निवृत्तिमार्गी (संन्यासी मार्ग) श्रमणों से टकराव के फलस्वरूप अनेक सम्प्रदायों का उदय हुआ जिसमें 6 प्रमुख थे: (1) पूरणकश्यप (घोर अक्रियावादी सम्प्रदाय) (2) मक्खलिगोशाल (आजीवक सम्प्रदाय) (3) अजितकेशकम्बलिन (भौतिकवादी) (4) पकुध कच्चायन (पुनर्जन्म को नकारता है) (5) संजय वेलठ्ठिपुत्र (अनिश्चयवादी) (6) निगण्ठ नाथ पुत्र महावीर स्वामी (जैन धर्म)
Incorrect
उत्तर वैदिक काल में वेद विरोधी (वैदिक धर्म का विरोध करने वाले) सभी आचार्य (अध्यापक)’ श्रमण ‘कहे जाते थे जो एक उपदेशक के रूप में संन्यास परंपरा के समर्थक थे। वैदिक यज्ञवाद तथा कर्मप्रधान प्रवृत्ति मार्ग का इन निवृत्तिमार्गी (संन्यासी मार्ग) श्रमणों से टकराव के फलस्वरूप अनेक सम्प्रदायों का उदय हुआ जिसमें 6 प्रमुख थे: (1) पूरणकश्यप (घोर अक्रियावादी सम्प्रदाय) (2) मक्खलिगोशाल (आजीवक सम्प्रदाय) (3) अजितकेशकम्बलिन (भौतिकवादी) (4) पकुध कच्चायन (पुनर्जन्म को नकारता है) (5) संजय वेलठ्ठिपुत्र (अनिश्चयवादी) (6) निगण्ठ नाथ पुत्र महावीर स्वामी (जैन धर्म)
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Question 44 of 100
44. Question
Q. प्रारम्भिक आर्यों के बारे में निम्नोक्त कथनों में से कौन-सा सही नहीं है?
Correct
प्रारम्भिक आर्य नगरों में निवास करते थे यह कथन सही नहीं है। आर्यों का प्रारम्भिक जीवन मुख्यतः पशुचारक का था, और ये कबिलाई लोग थे। कृषि उनका गौण पेशा था। आर्य लोग स्थिर निवासी नहीं थे, इसलिए अपने पीछे कोई ठोस भौतिक अवशेष नहीं छोड़ गए।
Incorrect
प्रारम्भिक आर्य नगरों में निवास करते थे यह कथन सही नहीं है। आर्यों का प्रारम्भिक जीवन मुख्यतः पशुचारक का था, और ये कबिलाई लोग थे। कृषि उनका गौण पेशा था। आर्य लोग स्थिर निवासी नहीं थे, इसलिए अपने पीछे कोई ठोस भौतिक अवशेष नहीं छोड़ गए।
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Question 45 of 100
45. Question
Q. इनमें से किस फसल का ज्ञान, वैदिक काल के लोगों को नहीं था?
Correct
तम्बाकू का ज्ञान वैदिक काल के लोगों को नहीं था। भारत में तम्बाकू की खेती सर्वप्रथम जहांगीर के शासन काल में प्रारम्भ हुई थी। पुर्तगालियों द्वारा सर्वप्रथम 1605 ई. में दक्षिण भारत में तम्बाकू की खेती प्रारम्भ किया गया।
Incorrect
तम्बाकू का ज्ञान वैदिक काल के लोगों को नहीं था। भारत में तम्बाकू की खेती सर्वप्रथम जहांगीर के शासन काल में प्रारम्भ हुई थी। पुर्तगालियों द्वारा सर्वप्रथम 1605 ई. में दक्षिण भारत में तम्बाकू की खेती प्रारम्भ किया गया।
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Question 46 of 100
46. Question
Q. वैदिक आर्यों का प्रमुख भोजन था
Correct
आर्यो का प्रमुख भोजन दूध और उसके उत्पाद थे। जौ की सत्तू को दही में मिलाकर करव नामक खाद्य पदार्थ बनाया जाता था। जौ ऋग्वैदिक काल में होता था। उत्तर वैदिक काल में चावल और गेहूँ उनकी मुख्य फसल हो गयी। वैदिक काल में चावल, जौ, गेहूँ, मूंग, तिल, उड़द आदि प्रमुख अन्न थे।
Incorrect
आर्यो का प्रमुख भोजन दूध और उसके उत्पाद थे। जौ की सत्तू को दही में मिलाकर करव नामक खाद्य पदार्थ बनाया जाता था। जौ ऋग्वैदिक काल में होता था। उत्तर वैदिक काल में चावल और गेहूँ उनकी मुख्य फसल हो गयी। वैदिक काल में चावल, जौ, गेहूँ, मूंग, तिल, उड़द आदि प्रमुख अन्न थे।
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Question 47 of 100
47. Question
Q. वैदिक युग में राजा अपनी जनता से जो कर वसूल करते थे, उसे क्या कहते थे?
Correct
ऋग्वेद में बलि शब्द का उल्लेख कई स्थानों पर मिलता है। इसका प्रयोग भेंट तथा देवताओं को चढ़ावा के अर्थ में किया गया है। यह स्पष्ट नहीं है कि प्रजा स्वेच्छया इसे राजा को देती थी अथवा यह अनिवार्य कर था। बलि अन्न के रूप में लिया जाता था। उत्तर वैदिक काल में नियमित कर बलि का रूप प्राप्त कर लिया।
Incorrect
ऋग्वेद में बलि शब्द का उल्लेख कई स्थानों पर मिलता है। इसका प्रयोग भेंट तथा देवताओं को चढ़ावा के अर्थ में किया गया है। यह स्पष्ट नहीं है कि प्रजा स्वेच्छया इसे राजा को देती थी अथवा यह अनिवार्य कर था। बलि अन्न के रूप में लिया जाता था। उत्तर वैदिक काल में नियमित कर बलि का रूप प्राप्त कर लिया।
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Question 48 of 100
48. Question
Q. आर्य सभ्यता में मनुष्य के जीवन के आयु के आरोही क्रमानुसार निम्नलिखित चरणों में से कौन सा विकल्प सही है?
Correct
वैदिक सभ्यता में ब्राह्मण चिन्तकों ने अपनी संस्कृति में स्थान देने के लिए मानव जीवन में चार आश्रमों का सिद्धांत प्रतिपादित किया। प्रारम्भिक उपनिषदों में केवल तीन आश्रमों का विधान मिलता है-ब्रह्मचर्य, गृहस्थ एवं वानप्रस्थ। परन्तु कालान्तर में ‘संन्यास’ नाम से चौथा आश्रम भी इस व्यवस्था का अंग बन गया।
Incorrect
वैदिक सभ्यता में ब्राह्मण चिन्तकों ने अपनी संस्कृति में स्थान देने के लिए मानव जीवन में चार आश्रमों का सिद्धांत प्रतिपादित किया। प्रारम्भिक उपनिषदों में केवल तीन आश्रमों का विधान मिलता है-ब्रह्मचर्य, गृहस्थ एवं वानप्रस्थ। परन्तु कालान्तर में ‘संन्यास’ नाम से चौथा आश्रम भी इस व्यवस्था का अंग बन गया।
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Question 49 of 100
49. Question
Q. आर्य अनार्यों के साथ अपने संघर्षों में सफल रहे क्योंकि:
Correct
आर्य, अनार्यों (सैंधव लोग) के साथ अपने संघर्षों में सफल रहे क्योंकि उन्होंने युद्ध में घोड़ों का प्रयोग किया था। ‘ऋग्वेद’ के अनुसार वैदिक देवता (आर्य देवता) ‘इन्द्र’ को अनार्य दुर्गो का संहारक माना गया है। आर्यों ने इसके बाद सम्पूर्ण सैन्धव प्रदेश तथा लगभग सम्पूर्ण गंगा घाटी पर अपना प्रमाण प्रभुत्व है स्थापित। कर लिया था। दशराज्ञ युद्ध (Ten king war) इसका प्रत्यक्ष
Incorrect
आर्य, अनार्यों (सैंधव लोग) के साथ अपने संघर्षों में सफल रहे क्योंकि उन्होंने युद्ध में घोड़ों का प्रयोग किया था। ‘ऋग्वेद’ के अनुसार वैदिक देवता (आर्य देवता) ‘इन्द्र’ को अनार्य दुर्गो का संहारक माना गया है। आर्यों ने इसके बाद सम्पूर्ण सैन्धव प्रदेश तथा लगभग सम्पूर्ण गंगा घाटी पर अपना प्रमाण प्रभुत्व है स्थापित। कर लिया था। दशराज्ञ युद्ध (Ten king war) इसका प्रत्यक्ष
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Question 50 of 100
50. Question
Q. आरंभिक वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था आधारित थी:
Correct
ऋग्वैदिक कालीन समाज प्रारम्भ में वर्ग-विभेद से रहित था। सभी व्यक्ति जन के सदस्य समझे जाते थे तथा सबकी समान सामाजिक प्रतिष्ठा थी। ऋग्वेद में नये शब्द ‘वर्ण’, रंग के अर्थ में तथा कहीं-कहीं व्यवसाय-चयन के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। प्रारम्भ में हम तीन वर्ण का उल्लेख पाते हैं-ब्रह्म, क्षत्र तथा विश। ये वर्ण भी कार्य (व्यवसाय) के आधार पर थे। ब्रह्म- (यज्ञ कराने के लिए), क्षत (हानि से रक्षा करने वाले), विश (शेष जन)
Incorrect
ऋग्वैदिक कालीन समाज प्रारम्भ में वर्ग-विभेद से रहित था। सभी व्यक्ति जन के सदस्य समझे जाते थे तथा सबकी समान सामाजिक प्रतिष्ठा थी। ऋग्वेद में नये शब्द ‘वर्ण’, रंग के अर्थ में तथा कहीं-कहीं व्यवसाय-चयन के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। प्रारम्भ में हम तीन वर्ण का उल्लेख पाते हैं-ब्रह्म, क्षत्र तथा विश। ये वर्ण भी कार्य (व्यवसाय) के आधार पर थे। ब्रह्म- (यज्ञ कराने के लिए), क्षत (हानि से रक्षा करने वाले), विश (शेष जन)
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Question 51 of 100
51. Question
Q. निम्नलिखित में से ऋग्वेद काल के दौरान किसकी जानकारी नहीं थी?
Correct
ऋग्वैदिक काल में वर्णव्यवस्था जाति के रूप में नहीं थी बल्कि व्यवसाय के आधार पर समाज का वर्गीकरण हुआ था। उत्तर वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था में जटिलता आ जाती है। इसका परिणाम यह हुआ कि वर्ण व्यवस्था का विकृत रूप जाति व्यवस्था यहाँ अस्तित्व में आ गई।
Incorrect
ऋग्वैदिक काल में वर्णव्यवस्था जाति के रूप में नहीं थी बल्कि व्यवसाय के आधार पर समाज का वर्गीकरण हुआ था। उत्तर वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था में जटिलता आ जाती है। इसका परिणाम यह हुआ कि वर्ण व्यवस्था का विकृत रूप जाति व्यवस्था यहाँ अस्तित्व में आ गई।
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Question 52 of 100
52. Question
Q. निम्नलिखित में से कौन-सा अन्न मनुष्य द्वारा सबसे पहले प्रयोग होने वालों में से था?
Correct
‘जौ’ (यव) मनुष्य द्वारा कृषि के रूप में सबसे पहले प्रयोग किया गया था हड़प्पा सभ्यता में जौ की दो किस्मों की खेती की जाती थी इसके अतिरिक्त कपास, खजूर का वर्णन भी हुआ है। ऋगवैदिक लोग कृषि की अपेक्षा पशुपालन में अधिक रुचि रखते थे, ऋग्वेद में कृषि का उल्लेख 33 बार हुआ है। इसमें एक ही अनाज यव (जौ) का उल्लेख मिलता है।
Incorrect
‘जौ’ (यव) मनुष्य द्वारा कृषि के रूप में सबसे पहले प्रयोग किया गया था हड़प्पा सभ्यता में जौ की दो किस्मों की खेती की जाती थी इसके अतिरिक्त कपास, खजूर का वर्णन भी हुआ है। ऋगवैदिक लोग कृषि की अपेक्षा पशुपालन में अधिक रुचि रखते थे, ऋग्वेद में कृषि का उल्लेख 33 बार हुआ है। इसमें एक ही अनाज यव (जौ) का उल्लेख मिलता है।
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Question 53 of 100
53. Question
Q. यज्ञ सूत्र निम्न में से किस वेद में है?
Correct
यजुर्वेद (यजु अथवा सूत्रों का वेद) में यज्ञ के समय प्रपन्न के प्रयोजन के लिए कई मंत्र (सुक्त) हैं और पालन किए जाने वाले नियम हैं। इसी वेद में पहली बार राजसूय और वाजपेय जैसे दो राजकीय समारोहों का उल्लेख हुआ है। ऋग्वेद एवं सामवेद के विपरीत यह वेद पद्य और गद्य दोनों में हैं। यह दो भागों में विभाजित है: कृष्ण यजुर्वेद और शुक्ल यजुर्वेद।
Incorrect
यजुर्वेद (यजु अथवा सूत्रों का वेद) में यज्ञ के समय प्रपन्न के प्रयोजन के लिए कई मंत्र (सुक्त) हैं और पालन किए जाने वाले नियम हैं। इसी वेद में पहली बार राजसूय और वाजपेय जैसे दो राजकीय समारोहों का उल्लेख हुआ है। ऋग्वेद एवं सामवेद के विपरीत यह वेद पद्य और गद्य दोनों में हैं। यह दो भागों में विभाजित है: कृष्ण यजुर्वेद और शुक्ल यजुर्वेद।
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Question 54 of 100
54. Question
Q. जुरैसिक काल का माना गया पूरी तरह तैयार वृक्षीय फॉसिल कहाँ पाया गया?
Correct
वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ के सरगुजा के शंकरपुर गांव में जुरासिक युग के वृक्ष जीवाश्म यानी ट्री फॉसिल्स पाए गए हैं। इस इलाके में छ: फॉसिल्स मिले हैं।
Incorrect
वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ के सरगुजा के शंकरपुर गांव में जुरासिक युग के वृक्ष जीवाश्म यानी ट्री फॉसिल्स पाए गए हैं। इस इलाके में छ: फॉसिल्स मिले हैं।
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Question 55 of 100
55. Question
Q. सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि कौन-सी हैं?
Correct
सिंधु लिपि अभी तक अज्ञात है। सिन्धु लिपि की भाँति ही उसकी भाषा भी अज्ञात ही है। ऐसी स्थिति में लिपि-अन्वेषण के लिए कोई द्वैभाषिक लेख ही सहायक सिद्ध हो सकता है। किन्तु अभी तक इस तरह का कोई द्वैभाषिक लेख प्राप्त नहीं हुआ है।
Incorrect
सिंधु लिपि अभी तक अज्ञात है। सिन्धु लिपि की भाँति ही उसकी भाषा भी अज्ञात ही है। ऐसी स्थिति में लिपि-अन्वेषण के लिए कोई द्वैभाषिक लेख ही सहायक सिद्ध हो सकता है। किन्तु अभी तक इस तरह का कोई द्वैभाषिक लेख प्राप्त नहीं हुआ है।
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Question 56 of 100
56. Question
Q. निम्नलिखित में से कौन-सी जनजातीय सभा सामान्य रूप से, जनजातीय सरदार के चुनाव में शामिल होती थी?
Correct
ऋग्वेद में कई जनजातीय सभाओं जैसे सभा, समिति, विदथ और गण को सैन्य तथा धार्मिक कार्यों में विमर्शी के रूप में प्रयोग में लाने का उल्लेख किया गया है। लेकिन राजनीतिक दृष्टिकोण से इनमें सभा और समिति महत्वपूर्ण है। हमें जनजातीय सभा जिसे समिति कहा गया है के द्वारा जनजातीय प्रमुख के चयन के भी कुछ साक्ष्य मिले हैं।
Incorrect
ऋग्वेद में कई जनजातीय सभाओं जैसे सभा, समिति, विदथ और गण को सैन्य तथा धार्मिक कार्यों में विमर्शी के रूप में प्रयोग में लाने का उल्लेख किया गया है। लेकिन राजनीतिक दृष्टिकोण से इनमें सभा और समिति महत्वपूर्ण है। हमें जनजातीय सभा जिसे समिति कहा गया है के द्वारा जनजातीय प्रमुख के चयन के भी कुछ साक्ष्य मिले हैं।
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Question 57 of 100
57. Question
Q. ‘उपनिषद्’ शब्द का शाब्दिक रूप से यह अर्थ होता है:
Correct
उपनिषद् का शाब्दिक अर्थ है – ‘समीप बैठना’ अर्थात् ब्रह्म विद्या को प्राप्त करने के लिए गुरु के समीप बैठना। इस प्रकार उपनिषद् एक ऐसा रहस्य ज्ञान है जिसे हम गुरु के सहयोग से ही समझ सकते हैं। उपनिषद् वैदिक साहित्य के अंतिम भाग है इसलिए इन्हें ‘वेदान्त’ भी कहा जाता है।
Incorrect
उपनिषद् का शाब्दिक अर्थ है – ‘समीप बैठना’ अर्थात् ब्रह्म विद्या को प्राप्त करने के लिए गुरु के समीप बैठना। इस प्रकार उपनिषद् एक ऐसा रहस्य ज्ञान है जिसे हम गुरु के सहयोग से ही समझ सकते हैं। उपनिषद् वैदिक साहित्य के अंतिम भाग है इसलिए इन्हें ‘वेदान्त’ भी कहा जाता है।
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Question 58 of 100
58. Question
Q. आर्यन जनजातियों की प्राचीनतम बस्ती कहाँ है?
Correct
वह क्षेत्र जहाँ लगभग 1500 ईसा पूर्व आर्यों ने अपने निवास स्थल के रूप में अपनाया, सप्त सिंधु (सात नदियों) का क्षेत्र कहलाया। इस क्षेत्र को ब्रह्मवर्त भी कहा जाता है। बाद में आर्य उत्तर वैदिक काल (1000 ई. पू. से 600 ई. पू.) के दौरान सिंधु-गंगा के मैदानी क्षेत्रों की ओर निवास के लिए अग्रसर हुए। इस क्षेत्र को आर्यावर्त के नाम से जाना जाता है।
Incorrect
वह क्षेत्र जहाँ लगभग 1500 ईसा पूर्व आर्यों ने अपने निवास स्थल के रूप में अपनाया, सप्त सिंधु (सात नदियों) का क्षेत्र कहलाया। इस क्षेत्र को ब्रह्मवर्त भी कहा जाता है। बाद में आर्य उत्तर वैदिक काल (1000 ई. पू. से 600 ई. पू.) के दौरान सिंधु-गंगा के मैदानी क्षेत्रों की ओर निवास के लिए अग्रसर हुए। इस क्षेत्र को आर्यावर्त के नाम से जाना जाता है।
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Question 59 of 100
59. Question
Q. सिंधु घाटी सभ्यत का गोदी-बाड़ा लोथल यहाँ स्थित है:
Correct
लोथल गुजरात के भाल (Bhal) क्षेत्र में स्थित है। यह अहमदाबाद जिले के ढोलका तालुक में सर्गवाला ग्राम के नजदीक स्थित है। लोथल का निकटतम नगर ढोलका और बागोदरा है। लोथल हड़प्पा सभ्यता का महत्वपूर्ण बंदरगाह था।
Incorrect
लोथल गुजरात के भाल (Bhal) क्षेत्र में स्थित है। यह अहमदाबाद जिले के ढोलका तालुक में सर्गवाला ग्राम के नजदीक स्थित है। लोथल का निकटतम नगर ढोलका और बागोदरा है। लोथल हड़प्पा सभ्यता का महत्वपूर्ण बंदरगाह था।
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Question 60 of 100
60. Question
Q. निम्नलिखित में से किस देश ने भारत से मोहनजोदड़ो से प्रसिद्ध ‘नर्तक कन्या’ की प्रतिमा वापस देने के लिए कहा है?
Correct
फरवरी 2014 में सिंध सरकार (पाकिस्तान) ने इस्लामाबाद से प्रार्थना की, कि वे प्रसिद्ध “स्टैच्यू ऑफ डांसिंग गर्ल’ लौटाने के लिए भारत सरकार से बातचीत करें। यह स्टैच्यू 1946 से भारत सरकार के अधीन है। 2500 ईसा पूर्व निर्मित, 10.8 सेमी. लम्बी कांसे की यह मूर्ति नई दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखी गई है।
Incorrect
फरवरी 2014 में सिंध सरकार (पाकिस्तान) ने इस्लामाबाद से प्रार्थना की, कि वे प्रसिद्ध “स्टैच्यू ऑफ डांसिंग गर्ल’ लौटाने के लिए भारत सरकार से बातचीत करें। यह स्टैच्यू 1946 से भारत सरकार के अधीन है। 2500 ईसा पूर्व निर्मित, 10.8 सेमी. लम्बी कांसे की यह मूर्ति नई दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखी गई है।
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Question 61 of 100
61. Question
Q. सिंधु अर्थव्यवस्था की ताकत थी
Correct
अधिकांश समकालीन सभ्यताओं के समान कृषि सिंधु (Indus) अर्थव्यवस्था की रीढ़ थी। लोग लकड़ी से बने हलों का प्रयोग करते थे। जौ और गेहूँ मुख्य भोज्य फसलें थीं। कृषि अधिशेष होने के कारण यहाँ व्यापार तथा व्यवसाय भी उन्नत दशा में था। कृषि पर आधारित होने के कारण कई क्षेत्र शहरी क्षेत्र के रूप में विकसित होने लगे (स्रोतः जेम्स पी. स्टोबॉघ (James P. Stobaugh) कृत स्टडीज इन वर्ल्ड हिस्ट्री वॉल्युम I)
Incorrect
अधिकांश समकालीन सभ्यताओं के समान कृषि सिंधु (Indus) अर्थव्यवस्था की रीढ़ थी। लोग लकड़ी से बने हलों का प्रयोग करते थे। जौ और गेहूँ मुख्य भोज्य फसलें थीं। कृषि अधिशेष होने के कारण यहाँ व्यापार तथा व्यवसाय भी उन्नत दशा में था। कृषि पर आधारित होने के कारण कई क्षेत्र शहरी क्षेत्र के रूप में विकसित होने लगे (स्रोतः जेम्स पी. स्टोबॉघ (James P. Stobaugh) कृत स्टडीज इन वर्ल्ड हिस्ट्री वॉल्युम I)
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Question 62 of 100
62. Question
Q. “महाभारत” का प्रारंभिक नाम क्या था?
Correct
महाभारत का मूल नाम ‘जय संहिता’ था, यह नाम वेद व्यास द्वारा रखा गया था। आरंभ में इसमें केवल 8,800 श्लोक थे और गणेश द्वारा लिखित श्लोकों का मूल नाम ‘जय’ था। बाद में कई कहानियों को जोड़कर पुस्तक के श्लोकों की कुल संख्या 100,000 हो गईं, जिन्हें पूरा करने में कई शताब्दियाँ बीत गईं और अन्त में पुस्तक का नाम ‘महाभारत’ रखा गया।
Incorrect
महाभारत का मूल नाम ‘जय संहिता’ था, यह नाम वेद व्यास द्वारा रखा गया था। आरंभ में इसमें केवल 8,800 श्लोक थे और गणेश द्वारा लिखित श्लोकों का मूल नाम ‘जय’ था। बाद में कई कहानियों को जोड़कर पुस्तक के श्लोकों की कुल संख्या 100,000 हो गईं, जिन्हें पूरा करने में कई शताब्दियाँ बीत गईं और अन्त में पुस्तक का नाम ‘महाभारत’ रखा गया।
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Question 63 of 100
63. Question
Q. सिंधु घाटी सभ्यता में, कालीबंगा निम्नलिखित में से किसके लिए प्रसिद्ध है?
Correct
कालीबंगा सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थलों में से एक है, यह अपने मिट्टी के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध था। कालीबंगा की विशिष्ट पहचान मिट्टी के बर्तन बनाने की कला से है जिसे बनावट के आधार पर A, B, C, D, E और F के द्वारा छः प्रकारों में चिह्नित किया जाता है। इसे बाद में उत्तर पश्चिम भारत के सोथी में भी चिह्नित किया गया था। इस स्थल से मोहरें, चूड़ियाँ, पक्की मिट्टी की वस्तुएँ, पक्की मिट्टी की लघु मूर्तियाँ, ईंटें, चक्की, पत्थर की गेंदें इत्यादि वस्तुएँ पाई गई हैं।
Incorrect
कालीबंगा सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख स्थलों में से एक है, यह अपने मिट्टी के बर्तनों के लिए प्रसिद्ध था। कालीबंगा की विशिष्ट पहचान मिट्टी के बर्तन बनाने की कला से है जिसे बनावट के आधार पर A, B, C, D, E और F के द्वारा छः प्रकारों में चिह्नित किया जाता है। इसे बाद में उत्तर पश्चिम भारत के सोथी में भी चिह्नित किया गया था। इस स्थल से मोहरें, चूड़ियाँ, पक्की मिट्टी की वस्तुएँ, पक्की मिट्टी की लघु मूर्तियाँ, ईंटें, चक्की, पत्थर की गेंदें इत्यादि वस्तुएँ पाई गई हैं।
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Question 64 of 100
64. Question
Q. जिस मनीषी ने दक्षिण भारत का आर्वीकरण किया, वे थे
Correct
अगस्त्य मुनि को परंपरागत भारतीय चिकित्सा शास्त्र का जनक माना जाता है, वे दक्षिण भारत के आर्यों से भी संबंधित थे। दक्षिण भारत के यादवों को प्रथम आर्य कहा जाता है। अगस्त्य मुनि ने सर्वप्रथम तमिल भाषा में व्याकरण की रचना की थी जिसे अगथियम के नाम से जाना जाता है।
Incorrect
अगस्त्य मुनि को परंपरागत भारतीय चिकित्सा शास्त्र का जनक माना जाता है, वे दक्षिण भारत के आर्यों से भी संबंधित थे। दक्षिण भारत के यादवों को प्रथम आर्य कहा जाता है। अगस्त्य मुनि ने सर्वप्रथम तमिल भाषा में व्याकरण की रचना की थी जिसे अगथियम के नाम से जाना जाता है।
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Question 65 of 100
65. Question
Q. प्राचीनतम भारतीय सभ्यता का नाम बताइए।
Correct
भारतीय उपमहाद्वीप में फली-फूली (समृद्ध) सिन्धु घाटी सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक थी। सामान्यत: 3000 ईसा पूर्व से 1800 ईसा पूर्व के मध्य विकसित यह विश्व की सबसे प्राचीन तीन सभ्यताओं (मिस्र, मेसोपोटमिया और सिन्धु घाटी) में से एक थी। यह कांस्य-युगीन सभ्यता थी।
Incorrect
भारतीय उपमहाद्वीप में फली-फूली (समृद्ध) सिन्धु घाटी सभ्यता विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक थी। सामान्यत: 3000 ईसा पूर्व से 1800 ईसा पूर्व के मध्य विकसित यह विश्व की सबसे प्राचीन तीन सभ्यताओं (मिस्र, मेसोपोटमिया और सिन्धु घाटी) में से एक थी। यह कांस्य-युगीन सभ्यता थी।
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Question 66 of 100
66. Question
Q. सिंधु घाटी का कौन-सा एक स्थल पाकिस्तान
Correct
हड़प्पा एक पुरातात्त्विक स्थल है, जो वर्तमान में पंजाब, पाकिस्तान में है। रावी नदी के पूर्व बहाव के निकट स्थित एक आधुनिक गाँव के नाम पर इस स्थल का नाम रखा गया है। हडप्पा कांस्य युगीन किलेबंद शहर का अवशेष है, जो सिंध और पंजाब के मध्य में केन्द्रित सिन्धु घाटी सभ्यता और सेमेट्री एच संस्कृति का एक महत्वपूर्ण भाग था।
Incorrect
हड़प्पा एक पुरातात्त्विक स्थल है, जो वर्तमान में पंजाब, पाकिस्तान में है। रावी नदी के पूर्व बहाव के निकट स्थित एक आधुनिक गाँव के नाम पर इस स्थल का नाम रखा गया है। हडप्पा कांस्य युगीन किलेबंद शहर का अवशेष है, जो सिंध और पंजाब के मध्य में केन्द्रित सिन्धु घाटी सभ्यता और सेमेट्री एच संस्कृति का एक महत्वपूर्ण भाग था।
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Question 67 of 100
67. Question
Q. विशाल स्नानागार कहाँ मिला था?
Correct
पाकिस्तान के सिंध में स्थित मोहनजोदडो में विकसित प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के अंतर्गत आने वाले महान स्नानागार के अवशेषों को उस काल के सर्वश्रेष्ठ ढाँचों में से एक माना जाता है। पुरातात्विक प्रमाण दर्शाते हैं कि महान स्नानागार का निर्माण तीसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व में किया गया था। यह स्नानागार लगभग 55 मीटर लंबा तथा 33 मीटर चौड़ा था। इसे “प्राचीन विश्व का आरंभिक सार्वजनिक जल टंकी” कहा जाता है।
Incorrect
पाकिस्तान के सिंध में स्थित मोहनजोदडो में विकसित प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता के अंतर्गत आने वाले महान स्नानागार के अवशेषों को उस काल के सर्वश्रेष्ठ ढाँचों में से एक माना जाता है। पुरातात्विक प्रमाण दर्शाते हैं कि महान स्नानागार का निर्माण तीसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व में किया गया था। यह स्नानागार लगभग 55 मीटर लंबा तथा 33 मीटर चौड़ा था। इसे “प्राचीन विश्व का आरंभिक सार्वजनिक जल टंकी” कहा जाता है।
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Question 68 of 100
68. Question
Q. सिंधु घाटी की सभ्यता के लोग किसकी पूजा करते थे?
Correct
मोहनजोदड़ो में पशुपति मुहर की खोज के आधार पर, इतिहासकारों और पुरातत्त्वविदों का मानना है कि सिन्धु घाटी के लोग भगवान शिव की उपासना करते थे। शिव चौपाया पशु (पशुपति) के स्वामी हैं। पशुपति मुहर दायीं ओर गैंडे और भैंसे तथा बायीं ओर हाथी और बाघ से घिरे, योग मुद्रा में बैठे तीन मुख वाले पुरुष देवता का वर्णन करती है।
Incorrect
मोहनजोदड़ो में पशुपति मुहर की खोज के आधार पर, इतिहासकारों और पुरातत्त्वविदों का मानना है कि सिन्धु घाटी के लोग भगवान शिव की उपासना करते थे। शिव चौपाया पशु (पशुपति) के स्वामी हैं। पशुपति मुहर दायीं ओर गैंडे और भैंसे तथा बायीं ओर हाथी और बाघ से घिरे, योग मुद्रा में बैठे तीन मुख वाले पुरुष देवता का वर्णन करती है।
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Question 69 of 100
69. Question
Q. उपनिषद् क्या हैं?
Correct
उपनिषद् मूल पाठों का एक संग्रह है जिसमें हिन्दुत्व के कुछ मुख्य दार्शनिक अवधारणाओं को शामिल किया गया है। इन अवधारणाओं को सामान्यत: वेदान्त के रूप में निर्दिष्ट किया जाता है, जिसकी व्याख्या “अंतिम अध्याय, वेद के भागों” या “महान वस्तु, वेद का महान उद्देश्य” के रूप में की गई है। ब्राह्मण (अंतिम सत्ता) और आत्मन (आत्मा) की अवधारणाएँ उपनिषद् के मुख्य विचारों में शामिल हैं।
Incorrect
उपनिषद् मूल पाठों का एक संग्रह है जिसमें हिन्दुत्व के कुछ मुख्य दार्शनिक अवधारणाओं को शामिल किया गया है। इन अवधारणाओं को सामान्यत: वेदान्त के रूप में निर्दिष्ट किया जाता है, जिसकी व्याख्या “अंतिम अध्याय, वेद के भागों” या “महान वस्तु, वेद का महान उद्देश्य” के रूप में की गई है। ब्राह्मण (अंतिम सत्ता) और आत्मन (आत्मा) की अवधारणाएँ उपनिषद् के मुख्य विचारों में शामिल हैं।
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Question 70 of 100
70. Question
Q. निम्नलिखित में से किस वेद में जादू, चमत्कार तथा मंत्र दिया गए हैं?
Correct
अथर्ववेद को “जादुई नियमों का वेद” भी कहते हैं, इसमें धार्मिक रीति रिवाज, अंधविश्वास एवं चिन्ता के संदर्भ में जादुई तंत्र-मंत्र, शैतान के कारण उत्पन्न बीमारियों का उपचार करने हेतु मंत्र, जड़ी-बूटियाँ और औषधि के रूप में प्रकृति से प्राप्त होने वाली औषधीय खुराकों का वर्णन किया गया है। यह दूसरी सहस्राब्दि ईसा पूर्व में विकसित जादुई-धार्मिक अनुष्ठान का प्रतिनिधित्व करता है।
Incorrect
अथर्ववेद को “जादुई नियमों का वेद” भी कहते हैं, इसमें धार्मिक रीति रिवाज, अंधविश्वास एवं चिन्ता के संदर्भ में जादुई तंत्र-मंत्र, शैतान के कारण उत्पन्न बीमारियों का उपचार करने हेतु मंत्र, जड़ी-बूटियाँ और औषधि के रूप में प्रकृति से प्राप्त होने वाली औषधीय खुराकों का वर्णन किया गया है। यह दूसरी सहस्राब्दि ईसा पूर्व में विकसित जादुई-धार्मिक अनुष्ठान का प्रतिनिधित्व करता है।
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Question 71 of 100
71. Question
Q. कौन सा वेद धार्मिक अनुष्ठानों से संबंध रखता है?
Correct
यजुर्वेद धार्मिक अनुष्ठानों और धर्मविधियों को चरणबद्ध तरीके से निष्पादित करने हेतु मार्गदर्शन करने वाला वेद है।
Incorrect
यजुर्वेद धार्मिक अनुष्ठानों और धर्मविधियों को चरणबद्ध तरीके से निष्पादित करने हेतु मार्गदर्शन करने वाला वेद है।
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Question 72 of 100
72. Question
Q. सिंधु घाटी सभ्यता में, धौलावीरा निम्नलिखित में से किसके लिए प्रसिद्ध है?
Correct
धौलावीरा का सिंधु स्थल अपने अत्याधुनिक जल संग्रहण की तकनीकों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ वर्षा जल संग्रहण नेटवर्क का एक महत्त्वपूर्ण प्रमाण मिला है। यहाँ टंकी और तालाब प्रणाली द्वारा जल की आपूर्ति की गई थी और गन्दा पानी के निकास हेतु तंत्र को उन्नत बनाया गया था। धौलावीरा की जल संरक्षण प्रणाली ने अपनी उन्नतशील द्रवचालित इंजीनियरिंग पर अत्यधिक बल दिया।
Incorrect
धौलावीरा का सिंधु स्थल अपने अत्याधुनिक जल संग्रहण की तकनीकों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ वर्षा जल संग्रहण नेटवर्क का एक महत्त्वपूर्ण प्रमाण मिला है। यहाँ टंकी और तालाब प्रणाली द्वारा जल की आपूर्ति की गई थी और गन्दा पानी के निकास हेतु तंत्र को उन्नत बनाया गया था। धौलावीरा की जल संरक्षण प्रणाली ने अपनी उन्नतशील द्रवचालित इंजीनियरिंग पर अत्यधिक बल दिया।
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Question 73 of 100
73. Question
Q. गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण कहाँ लिया था?
Correct
बौद्ध धर्म के अनुयायियों का मानना है कि गौतम बुद्ध ने अपनी मृत्यु के बाद उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में परिनिर्वाण प्राप्त किया था। वर्तमान कुशीनगर को पूर्व बुद्ध काल में कुशावती और उत्तर बुद्ध काल में कुशीनारा के साथ चिह्नित किया गया है। कुशीनारा मल्ल राज्य की राजधानी थी जो छठी शताब्दी ईसा पूर्व के 16 महाजनपदों में से एक थी।
Incorrect
बौद्ध धर्म के अनुयायियों का मानना है कि गौतम बुद्ध ने अपनी मृत्यु के बाद उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में परिनिर्वाण प्राप्त किया था। वर्तमान कुशीनगर को पूर्व बुद्ध काल में कुशावती और उत्तर बुद्ध काल में कुशीनारा के साथ चिह्नित किया गया है। कुशीनारा मल्ल राज्य की राजधानी थी जो छठी शताब्दी ईसा पूर्व के 16 महाजनपदों में से एक थी।
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Question 74 of 100
74. Question
Q. ‘ऋग्वेद’ में सबसे प्रमुख देवता कौन हैं?
Correct
ऋग्वेद काल के दौरान मानवतारोपी (anthropomorphic) भगवान इन्द्र सबसे महत्त्वपूर्ण भगवान थे। उन्होंने दैत्यों के विरुद्ध जीत में आर्य सिपाहियों का नेतृत्व करते हुए युद्धदेवता की भूमिका निभाई थी। ऋग्वेद में लगभग 289 भजन उन्हीं को समर्पित हैं, जो किसी अन्य देवता की तुलना में सबसे अधिक है। वह मेघ गर्जन और तूफान से सम्बद्ध थे।
Incorrect
ऋग्वेद काल के दौरान मानवतारोपी (anthropomorphic) भगवान इन्द्र सबसे महत्त्वपूर्ण भगवान थे। उन्होंने दैत्यों के विरुद्ध जीत में आर्य सिपाहियों का नेतृत्व करते हुए युद्धदेवता की भूमिका निभाई थी। ऋग्वेद में लगभग 289 भजन उन्हीं को समर्पित हैं, जो किसी अन्य देवता की तुलना में सबसे अधिक है। वह मेघ गर्जन और तूफान से सम्बद्ध थे।
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Question 75 of 100
75. Question
Q. वैदिक काल में 8 प्रकार के विवाह प्रचलित थे। इनमें से कौन प्रेम विवाह था?
Correct
वैदिक काल के दौरान, जब एक पुरुष और महिला अपने परिवार की स्वीकृति के बिना प्रेम विवाह कर लेते थे तो ऐसा विवाह गंधर्व विवाह या ‘प्रेम विवाह’ कहलाता था। यह विवाह बिना किसी रीति-रिवाज, गवाह या परिवार की भागीदारी के बिना दो लोगों के मध्य पारस्परिक आकर्षण पर आधारित था।
Incorrect
वैदिक काल के दौरान, जब एक पुरुष और महिला अपने परिवार की स्वीकृति के बिना प्रेम विवाह कर लेते थे तो ऐसा विवाह गंधर्व विवाह या ‘प्रेम विवाह’ कहलाता था। यह विवाह बिना किसी रीति-रिवाज, गवाह या परिवार की भागीदारी के बिना दो लोगों के मध्य पारस्परिक आकर्षण पर आधारित था।
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Question 76 of 100
76. Question
Q. मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के अवशेष संकेत देते हैं कि ये शानदार और योजनागत अच्छी तरह से बनाई गई थी।
Correct
सिंधु घाटी सभ्यता मूल रूप से एक शहरी सभ्यता थी और यहाँ लोग अच्छी तरह से नियोजित और अच्छी तरह से निर्मित कस्बों में रहते थे, ये व्यापार के केंद्र भी थे। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के अवशेषों से पता चलता है कि ये शानदार वाणिज्यिक शहर थे। ये नगर अच्छी तरह से योजनाबद्ध, वैज्ञानिक रूप से बसाए गए थे और उनकी अच्छी तरह से देखभाल की गई थी।
Incorrect
सिंधु घाटी सभ्यता मूल रूप से एक शहरी सभ्यता थी और यहाँ लोग अच्छी तरह से नियोजित और अच्छी तरह से निर्मित कस्बों में रहते थे, ये व्यापार के केंद्र भी थे। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के अवशेषों से पता चलता है कि ये शानदार वाणिज्यिक शहर थे। ये नगर अच्छी तरह से योजनाबद्ध, वैज्ञानिक रूप से बसाए गए थे और उनकी अच्छी तरह से देखभाल की गई थी।
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Question 77 of 100
77. Question
Q. निम्नलिखित में से कौन सा वेद वेदत्रयी का भाग नहीं है?
Correct
ऋग, यजुर और सामवेद को वेद त्रयी (“तीन गुना ज्ञान”) के रूप में जाना जाता है ।। भजन, जादू मंत्र और मंत्रों का एक चौथा संग्रह अथर्ववेद (“अग्नि पुजारी का ज्ञान”) के रूप में जाना जाता है, जिसमें विभिन्न स्थानीय परंपराएँ शामिल हैं और कुछ हद तक वैदिक यज्ञ से बाहर है।
Incorrect
ऋग, यजुर और सामवेद को वेद त्रयी (“तीन गुना ज्ञान”) के रूप में जाना जाता है ।। भजन, जादू मंत्र और मंत्रों का एक चौथा संग्रह अथर्ववेद (“अग्नि पुजारी का ज्ञान”) के रूप में जाना जाता है, जिसमें विभिन्न स्थानीय परंपराएँ शामिल हैं और कुछ हद तक वैदिक यज्ञ से बाहर है।
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Question 78 of 100
78. Question
Q. किस नदी के निकट ऋग्वेद सभ्यताएँ सबसे अधिक स्थित थी?
Correct
सरस्वती हिंदू धार्मिक परंपराओं में एक पवित्र नदी और बुद्धि और कला की देवी के रूप में प्रकट होती है। संस्कृत में सबसे पहले ज्ञात स्रोत (ऋग्वेद नामक धार्मिक ऋचाओं का संग्रह) सरस्वती नामक एक नदी का उल्लेख करता है सिंधु घाटी सभ्यता को कभी-कभी ‘सरस्वती संस्कृति’, ‘सरस्वती सभ्यता’ या ‘सिंधु-सरस्वती सभ्यता’ कहा जाता है क्योंकि यह सिद्धांत है कि सरस्वती नदी के किनारे सभ्यता सिंधु के साथ-साथ विकसित हुई थी।
Incorrect
सरस्वती हिंदू धार्मिक परंपराओं में एक पवित्र नदी और बुद्धि और कला की देवी के रूप में प्रकट होती है। संस्कृत में सबसे पहले ज्ञात स्रोत (ऋग्वेद नामक धार्मिक ऋचाओं का संग्रह) सरस्वती नामक एक नदी का उल्लेख करता है सिंधु घाटी सभ्यता को कभी-कभी ‘सरस्वती संस्कृति’, ‘सरस्वती सभ्यता’ या ‘सिंधु-सरस्वती सभ्यता’ कहा जाता है क्योंकि यह सिद्धांत है कि सरस्वती नदी के किनारे सभ्यता सिंधु के साथ-साथ विकसित हुई थी।
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Question 79 of 100
79. Question
Q. हड़प्पाई स्थल “मांडा” किस नदी के किनारे स्थित था?
Correct
मांडा पीरपंचाल रेंज की तलहटी में चिनाब नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। यह सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित सबसे उत्तरी क्षेत्र माना जाता है। इसकी खुदाई 1976-77 के दौरान भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा जे पी जोशी के नेतृत्व में की गई। मांडा के पुरातात्विक स्थल से मिले कलाकृतियों में पूर्व हड़प्पा काल के लाल बर्तन (Red wares) मिले हैं।
Incorrect
मांडा पीरपंचाल रेंज की तलहटी में चिनाब नदी के दाहिने किनारे पर स्थित है। यह सिंधु घाटी सभ्यता से संबंधित सबसे उत्तरी क्षेत्र माना जाता है। इसकी खुदाई 1976-77 के दौरान भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा जे पी जोशी के नेतृत्व में की गई। मांडा के पुरातात्विक स्थल से मिले कलाकृतियों में पूर्व हड़प्पा काल के लाल बर्तन (Red wares) मिले हैं।
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Question 80 of 100
80. Question
Q. ऋग्वेद का कौन-सा मंडल पूर्णतः सोम को समर्पित है?
Correct
ऋग्वेद सनातन धर्म का सबसे आरंभिक स्रोत है। इसमें 1028 सूक्त हैं, जिनमें देवताओं की स्तुति की गई है इसमें देवताओं का यज्ञ में आह्वान करने के लिए मन्त्र हैं, यही सर्वप्रथम वेद है। ऋग्वेद को इतिहासकार हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की अभी तक उपलब्ध पहली रचनाओं में एक मानते हैं। यह संसार के उन सर्वप्रथम ग्रंथों में से एक हैं जिसकी मान्यता आज तक समाज में बनी हुई है। यह एक प्रमुख हिन्दू धर्म ग्रंथ है। ऋक् संहिता में 10 मंडल, बालखिल्य सहित 1028 सूक्त हैं। ऋग्वेद के 9 वें मंडल को सोम मंडल भी कहा जाता है।
Incorrect
ऋग्वेद सनातन धर्म का सबसे आरंभिक स्रोत है। इसमें 1028 सूक्त हैं, जिनमें देवताओं की स्तुति की गई है इसमें देवताओं का यज्ञ में आह्वान करने के लिए मन्त्र हैं, यही सर्वप्रथम वेद है। ऋग्वेद को इतिहासकार हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की अभी तक उपलब्ध पहली रचनाओं में एक मानते हैं। यह संसार के उन सर्वप्रथम ग्रंथों में से एक हैं जिसकी मान्यता आज तक समाज में बनी हुई है। यह एक प्रमुख हिन्दू धर्म ग्रंथ है। ऋक् संहिता में 10 मंडल, बालखिल्य सहित 1028 सूक्त हैं। ऋग्वेद के 9 वें मंडल को सोम मंडल भी कहा जाता है।
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Question 81 of 100
81. Question
Q. निम्नलिखित में से किस हड़प्पा केन्द्र के बारे में माना जाता है कि मेसोपोटामिया के साथ सीधा समुद्र व्यापार था?
Correct
लोथल के हड़प्पा बन्दरगाह शहर का पुरावशेष खंभात की खाड़ी में साबरमती की सहायक भोगवा नदी के किनारे स्थित है। लोथल से प्राप्त पुरातात्विक अवशेषों जिनमें जहाजों की आकृति वाली मृणमूतियों, खाड़ी देशों की मुहरें एवं ताम्र सिल्लियाँ, मणका निर्माण उद्योग के अवशेष बताते हैं कि लोथल सैंधव सभ्यता का एक प्रमुख नगर था। इसी विशेषता के आधार पर लोथल बाद में हड़प्पा संस्कृति के औद्योगिक बन्दरगाह शहर के रूप में विकसित हुआ। लोथल से प्रत्यक्ष रूप से मेसोपोटामिया के साथ व्यापार करने का साक्ष्य प्राप्त हुआ है।
Incorrect
लोथल के हड़प्पा बन्दरगाह शहर का पुरावशेष खंभात की खाड़ी में साबरमती की सहायक भोगवा नदी के किनारे स्थित है। लोथल से प्राप्त पुरातात्विक अवशेषों जिनमें जहाजों की आकृति वाली मृणमूतियों, खाड़ी देशों की मुहरें एवं ताम्र सिल्लियाँ, मणका निर्माण उद्योग के अवशेष बताते हैं कि लोथल सैंधव सभ्यता का एक प्रमुख नगर था। इसी विशेषता के आधार पर लोथल बाद में हड़प्पा संस्कृति के औद्योगिक बन्दरगाह शहर के रूप में विकसित हुआ। लोथल से प्रत्यक्ष रूप से मेसोपोटामिया के साथ व्यापार करने का साक्ष्य प्राप्त हुआ है।
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Question 82 of 100
82. Question
Q. निम्नलिखित में से किस हड़प्पाकालीन स्थल से ‘हल’ का टेराकोटा प्राप्त हुआ?
Correct
बनवाली सरस्वती के सूखे हुए क्षेत्र के बाएँ किनारे पर हरियाणा के फतेहाबाद में स्थित है। यहाँ उत्खनन से तीन स्तरीय संस्कृति अनुक्रम प्राप्त किया गया है, प्री-हड़प्पा (अर्ली-हड़प्पा), हड़प्पा और हड़प्पा के बाद का चोलीस्तान और बनवाली (हरियाणा) में ‘हल’ के टेरीकोटा का साक्ष्य पाया गया है। कालीबंगन (राजस्थान) में मक्का उगाने का साक्ष्य भी मिला है।
Incorrect
बनवाली सरस्वती के सूखे हुए क्षेत्र के बाएँ किनारे पर हरियाणा के फतेहाबाद में स्थित है। यहाँ उत्खनन से तीन स्तरीय संस्कृति अनुक्रम प्राप्त किया गया है, प्री-हड़प्पा (अर्ली-हड़प्पा), हड़प्पा और हड़प्पा के बाद का चोलीस्तान और बनवाली (हरियाणा) में ‘हल’ के टेरीकोटा का साक्ष्य पाया गया है। कालीबंगन (राजस्थान) में मक्का उगाने का साक्ष्य भी मिला है।
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Question 83 of 100
83. Question
Q. सिंधु घाटी सभ्यता में, लोथल निम्नलिखित में से किसके लिए प्रसिद्ध था?
Correct
लोथल एक प्रमुख हड़प्पा बंदरगाह और एक प्रमुख व्यापार केन्द्र था जो 2400 और 1900 ई. पू. के बीच विकसित हुआ था। इसकी बड़ी गोदी का आकार 122 फीट x 73 फीट है, जो इसे अद्वितीय बनाती है। गुजरात में खंबाट की खाड़ी में साबरमती की एक सहायक भोगवा नदी के किनारे स्थित, लोथल सिंधु घाटी सभ्यता का एकमात्र बंदरगाह था।
Incorrect
लोथल एक प्रमुख हड़प्पा बंदरगाह और एक प्रमुख व्यापार केन्द्र था जो 2400 और 1900 ई. पू. के बीच विकसित हुआ था। इसकी बड़ी गोदी का आकार 122 फीट x 73 फीट है, जो इसे अद्वितीय बनाती है। गुजरात में खंबाट की खाड़ी में साबरमती की एक सहायक भोगवा नदी के किनारे स्थित, लोथल सिंधु घाटी सभ्यता का एकमात्र बंदरगाह था।
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Question 84 of 100
84. Question
Q. कांसे की नर्तकी की मूर्ति निम्नलिखित में से किस सभ्यता में पायी गयी है?
Correct
नृत्य करती लड़की एक प्रागैतिहासिक काल की कांस्य की मूर्ति है जिसका निर्माण सिन्धु घाटी सभ्यता के मोहनजोदड़ो में लगभग 2500 ई.पू. हुआ था। यह मूर्ति लगभग 10.5 सेमी. लंबी है जो आश्वस्त स्वाभाविक मुद्रा में खड़ी युवा महिला या लड़की का चित्रण करती है। इसे सिन्धु घाटी सभ्यता का एक श्रेष्ठ कलाकृति के रूप में जाना जाता है।
Incorrect
नृत्य करती लड़की एक प्रागैतिहासिक काल की कांस्य की मूर्ति है जिसका निर्माण सिन्धु घाटी सभ्यता के मोहनजोदड़ो में लगभग 2500 ई.पू. हुआ था। यह मूर्ति लगभग 10.5 सेमी. लंबी है जो आश्वस्त स्वाभाविक मुद्रा में खड़ी युवा महिला या लड़की का चित्रण करती है। इसे सिन्धु घाटी सभ्यता का एक श्रेष्ठ कलाकृति के रूप में जाना जाता है।
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Question 85 of 100
85. Question
Q. शतुघई किस देश में है?
Correct
शोर्तुगई (शोर्तुघई) उत्तरी अफगानिस्तान में लैपिस खानों के पास ओक्सस नदी पर 2000 ई.पू. के आस-पास स्थापित सिंधु सभ्यता का एक व्यापार कॉलोनी था। यह सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे उत्तरी आबादी वाला सीमा माना जाता है।
Incorrect
शोर्तुगई (शोर्तुघई) उत्तरी अफगानिस्तान में लैपिस खानों के पास ओक्सस नदी पर 2000 ई.पू. के आस-पास स्थापित सिंधु सभ्यता का एक व्यापार कॉलोनी था। यह सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे उत्तरी आबादी वाला सीमा माना जाता है।
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Question 86 of 100
86. Question
Q. मोहनजोदड़ो का स्थानीय नाम था।
Correct
आधुनिक नाम मोहनजोदड़ो को सिंधी में “मृत मनुष्यों का टीला” और “मोहन का टीला” के विभिन्न नामों से व्याख्या की गई है। इस शहर का मूल नाम अज्ञात है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित यह प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे बड़ी बस्तियों में से एक, और विश्व के सबसे बड़े शहरों में से एक था।
Incorrect
आधुनिक नाम मोहनजोदड़ो को सिंधी में “मृत मनुष्यों का टीला” और “मोहन का टीला” के विभिन्न नामों से व्याख्या की गई है। इस शहर का मूल नाम अज्ञात है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित यह प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता की सबसे बड़ी बस्तियों में से एक, और विश्व के सबसे बड़े शहरों में से एक था।
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Question 87 of 100
87. Question
Q. निम्नलिखित में से कौन सी धातु हड़प्पन सभ्यता में नहीं पायी गई थी?
Correct
सिन्धु घाटी सभ्यता के दौरान लोहे की जानकारी नहीं थी। हालांकि, सिन्धु घाटी के लोग ताँबा और काँसा से परिचित थे। अनुसंधानकर्ताओं ने शोध में पाया कि बर्तन, खिलौने और सिक्के इन धातुओं के बने हुए थे। वे लोग सोना और चाँदी से भी परिचित थे। लोहे की खोज वैदिक काल के बाद की गई थी।
Incorrect
सिन्धु घाटी सभ्यता के दौरान लोहे की जानकारी नहीं थी। हालांकि, सिन्धु घाटी के लोग ताँबा और काँसा से परिचित थे। अनुसंधानकर्ताओं ने शोध में पाया कि बर्तन, खिलौने और सिक्के इन धातुओं के बने हुए थे। वे लोग सोना और चाँदी से भी परिचित थे। लोहे की खोज वैदिक काल के बाद की गई थी।
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Question 88 of 100
88. Question
Q. निम्नलिखित में से कौन-सा वेद प्राचीनतम है?
Correct
ऋग्वेद चार वेदों में से सबसे प्राचीन वेद है, अन्य वेद हैं- सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद। सजीव परंपरा द्वारा आरंभिक धार्मिक मूल पाठों को आज भी पूज्य माना जाता है, यह अनुमान लगाया जाता है कि इसका निर्माण आरंभिक वैदिक काल के दौरान लगभग 1500-1200 ई. पूर्व में हुआ था। यह 10 पुस्तकों (मण्डलों) में व्यवस्थित 1028 भजनों और 10,600 छन्दों का एक संग्रह है।
Incorrect
ऋग्वेद चार वेदों में से सबसे प्राचीन वेद है, अन्य वेद हैं- सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद। सजीव परंपरा द्वारा आरंभिक धार्मिक मूल पाठों को आज भी पूज्य माना जाता है, यह अनुमान लगाया जाता है कि इसका निर्माण आरंभिक वैदिक काल के दौरान लगभग 1500-1200 ई. पूर्व में हुआ था। यह 10 पुस्तकों (मण्डलों) में व्यवस्थित 1028 भजनों और 10,600 छन्दों का एक संग्रह है।
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Question 89 of 100
89. Question
Q. भीमबेटका के लिए प्रसिद्ध है।
Correct
भीमबेटका रॉक आश्रय स्थल मध्य प्रदेश में एक पुरातात्विक स्थल है जो प्रागैतिहासिक पेलियोलिथिक और मीजोलिथिक काल, साथ ही साथ ऐतिहासिक काल तक विस्तृत है। भीमबेटका चट्टानों पर कुछ प्रागैतिहासिक गुफा चित्र बने हैं जो लगभग 30,000 वर्ष पुराने हैं।
Incorrect
भीमबेटका रॉक आश्रय स्थल मध्य प्रदेश में एक पुरातात्विक स्थल है जो प्रागैतिहासिक पेलियोलिथिक और मीजोलिथिक काल, साथ ही साथ ऐतिहासिक काल तक विस्तृत है। भीमबेटका चट्टानों पर कुछ प्रागैतिहासिक गुफा चित्र बने हैं जो लगभग 30,000 वर्ष पुराने हैं।
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Question 90 of 100
90. Question
Q. निम्न में से किस हड़प्पाकालीन स्थल से एक युग्म शवाधान मिला था?
Correct
गुजरात के लोथल में ईंट की पंक्तिबद्ध कब्र के प्रमाण मिले हैं। जिस में कंकाल के तीन जोड़े पाए गए हैं। प्रत्येक में दो लोगों को एक साथ दफनाया गया था। पुरातत्वविदों का मानना है कि ये जोड़े के रूप में दफन थे, जबकि कुछ अन्य विद्वानों का तर्क है कि इन युग्म शवाधानों से सती प्रणाली का सबूत मिलता है।
Incorrect
गुजरात के लोथल में ईंट की पंक्तिबद्ध कब्र के प्रमाण मिले हैं। जिस में कंकाल के तीन जोड़े पाए गए हैं। प्रत्येक में दो लोगों को एक साथ दफनाया गया था। पुरातत्वविदों का मानना है कि ये जोड़े के रूप में दफन थे, जबकि कुछ अन्य विद्वानों का तर्क है कि इन युग्म शवाधानों से सती प्रणाली का सबूत मिलता है।
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Question 91 of 100
91. Question
Q. सिंधु घाटी चार बड़ी प्राचीन शहरी सभ्यताओं का गृह था। निम्नलिखित में से कौन सा उनमें से एक नहीं है?
Correct
वृहत्तर सिंधु क्षेत्र मिन, मेसोपोटामिया, दक्षिण एशिया और चीन की चार प्राचीन शहरी सभ्यताओं मंत सबसे बड़ा स्थल था। 1920 के दशक तक इसकी खोज नहीं की गई थी। इसके अधिकांश अवशेष, यहाँ तक कि इसके प्रमुख शहर भी खुदाई से ही प्राप्त हुए हैं। प्राचीन सिंधु सभ्यता की लिपि का अब तक अर्थ नहीं निकाला जा सका है। इसमें रूस नहीं था।
Incorrect
वृहत्तर सिंधु क्षेत्र मिन, मेसोपोटामिया, दक्षिण एशिया और चीन की चार प्राचीन शहरी सभ्यताओं मंत सबसे बड़ा स्थल था। 1920 के दशक तक इसकी खोज नहीं की गई थी। इसके अधिकांश अवशेष, यहाँ तक कि इसके प्रमुख शहर भी खुदाई से ही प्राप्त हुए हैं। प्राचीन सिंधु सभ्यता की लिपि का अब तक अर्थ नहीं निकाला जा सका है। इसमें रूस नहीं था।
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Question 92 of 100
92. Question
Q. भारत का कौन-सा क्षेत्र एक समय अवन्तिका के नाम से जाना जाता था?
Correct
पश्चिमी भारत में अर्वान्त (अवन्तिका) जनपद प्रमुख था। आधुनिक मालवा एवं मध्य प्रदेश के कुछ भागों से मिलकर अवन्ति जनपद बना था। प्राचीन समय में अवन्ति के दो भाग थे: उत्तरी अवन्ति जिसकी राजधानी उज्जैनी थी और दक्षिणी अवन्ति जिसकी राजधानी महिष्मती थी। वर्धमान महावीर तथा गौतम बुद्ध के समय में महाराजा चंड प्रद्योत अवन्ति के राजा थे। अवन्ति बौद्ध धर्म का प्रमुख केन्द्र था।
Incorrect
पश्चिमी भारत में अर्वान्त (अवन्तिका) जनपद प्रमुख था। आधुनिक मालवा एवं मध्य प्रदेश के कुछ भागों से मिलकर अवन्ति जनपद बना था। प्राचीन समय में अवन्ति के दो भाग थे: उत्तरी अवन्ति जिसकी राजधानी उज्जैनी थी और दक्षिणी अवन्ति जिसकी राजधानी महिष्मती थी। वर्धमान महावीर तथा गौतम बुद्ध के समय में महाराजा चंड प्रद्योत अवन्ति के राजा थे। अवन्ति बौद्ध धर्म का प्रमुख केन्द्र था।
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Question 93 of 100
93. Question
Q. किस प्रकार का मृद्भाण्ड भारत में द्वितीय शहरीकरण के प्रारम्भ का प्रतीक माना गया?
Correct
उत्तरी काले पॉलिशकृत बर्तन का मृद्भाण्ड (पॉटरी) भारत में द्वितीय शहरीकरण के प्रारम्भ का प्रतीक माना गया। पुरातत्व के अनुसार ई. पू. छठी शताब्दी, उत्तरी काला पॉलिशदार मृभांड द्वितीय शहरीकरण अवस्था का आरंभ काल है। इस मृभांड को एन.बी.पी.डब्ल्यू. (नॉर्दर्न ब्लैक पॉलिश्ड वेयर) भी कहते हैं। एन.बी.पी.डब्ल्यू. काल में ही गंगा के मैदानों में नगरीकरण की शुरुआत हुई। यह भारत का द्वितीय नगरीकरण कहलाता है।
Incorrect
उत्तरी काले पॉलिशकृत बर्तन का मृद्भाण्ड (पॉटरी) भारत में द्वितीय शहरीकरण के प्रारम्भ का प्रतीक माना गया। पुरातत्व के अनुसार ई. पू. छठी शताब्दी, उत्तरी काला पॉलिशदार मृभांड द्वितीय शहरीकरण अवस्था का आरंभ काल है। इस मृभांड को एन.बी.पी.डब्ल्यू. (नॉर्दर्न ब्लैक पॉलिश्ड वेयर) भी कहते हैं। एन.बी.पी.डब्ल्यू. काल में ही गंगा के मैदानों में नगरीकरण की शुरुआत हुई। यह भारत का द्वितीय नगरीकरण कहलाता है।
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Question 94 of 100
94. Question
Q. निम्नलिखित में से वह शासक कौन था जिसने राज सिंहासन पर बैठने के लिए अपने पिता बिम्बिसार की हत्या की थी?
Correct
प्राचीन भारत में मगध का राजा अजातशत्रु (हर्यक वंश) था जिसने सिंहासन पर बैठने के लिए अपने पिता महाराज बिम्बिसार (558-491 ईसा पूर्व) की हत्या की थी। अजात शत्रु को ‘पितृहन्ता’ भी कहा जाता है।
Incorrect
प्राचीन भारत में मगध का राजा अजातशत्रु (हर्यक वंश) था जिसने सिंहासन पर बैठने के लिए अपने पिता महाराज बिम्बिसार (558-491 ईसा पूर्व) की हत्या की थी। अजात शत्रु को ‘पितृहन्ता’ भी कहा जाता है।
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Question 95 of 100
95. Question
Q. जैनियों के पहले तीर्थंकर कौन थे?
Correct
जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर महावीर स्वामी को ही जैन धर्म का वास्तविक संस्थापक माना जाता है, किन्तु कुछ जैन अनुयायी प्रथम तीर्थंकर ऋषभ देव को जैन धर्म का संस्थापक मानते हैं। जैन धर्म के 24 तीर्थंकर थेः (1) ऋषभदेव (2) अजितनाथ (3) सम्भवनाथ (4) अभिनंदननाथ (5) सुमितनाथ (6) पद्मप्रभु (7) सुपार्श्व (8) चन्द्रप्रभु (9) सुविधिनाथ (10) शीतलनाथ (11) श्रेयांस (12) वसुपूज्य (13) विमलनाथ (14) अनंतनाथ (15) धर्मनाथ (16) शांतिनाथ (17) कुन्थनाथ (18) अर्हनाथ (19) मल्लिनाथ (20) मुनिसुव्रतनाथ (21) नेमिनाथ (22) अरिष्टनेमि (23) पार्श्वनाथ (24) महावीर स्वामी
Incorrect
जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर महावीर स्वामी को ही जैन धर्म का वास्तविक संस्थापक माना जाता है, किन्तु कुछ जैन अनुयायी प्रथम तीर्थंकर ऋषभ देव को जैन धर्म का संस्थापक मानते हैं। जैन धर्म के 24 तीर्थंकर थेः (1) ऋषभदेव (2) अजितनाथ (3) सम्भवनाथ (4) अभिनंदननाथ (5) सुमितनाथ (6) पद्मप्रभु (7) सुपार्श्व (8) चन्द्रप्रभु (9) सुविधिनाथ (10) शीतलनाथ (11) श्रेयांस (12) वसुपूज्य (13) विमलनाथ (14) अनंतनाथ (15) धर्मनाथ (16) शांतिनाथ (17) कुन्थनाथ (18) अर्हनाथ (19) मल्लिनाथ (20) मुनिसुव्रतनाथ (21) नेमिनाथ (22) अरिष्टनेमि (23) पार्श्वनाथ (24) महावीर स्वामी
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Question 96 of 100
96. Question
Q. राजस्थान में माउंट आबू पर दिलवाड़ा मंदिरों का निर्माण निम्नलिखित में से किस धर्म के अनुयायियों द्वारा किया गया था?
Correct
राजस्थान में माउण्ट आबू के दिलवाड़ा मंदिरों का निर्माण जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा कराया गया। माउण्ट आबू पर्वतशृंखलाओं के ऊपर ‘संगमरमर द्वारा निर्मित’ मंदिरों का एक समूह है। यहाँ के विमल, तेजपाल और वास्तुपाल मंदिरों में जो शैली अपनाई गई (13 वीं सदी), वह खजुराहो की वास्तुशैली से भिन्न नहीं है। ऊँचे वेदिकाओं पर इन मंदिरों के शिखर अनेक लघु बुर्जियों से सज्जित है, इस शैली की सबसे बड़ी विशेषता अतिसूक्ष्म और खूबसूरत सज्जा है। भगवान आदिनाथ ‘अथवा प्रसिद्ध दिलवाड़ा मंदिर अपने समूह का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है।
Incorrect
राजस्थान में माउण्ट आबू के दिलवाड़ा मंदिरों का निर्माण जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा कराया गया। माउण्ट आबू पर्वतशृंखलाओं के ऊपर ‘संगमरमर द्वारा निर्मित’ मंदिरों का एक समूह है। यहाँ के विमल, तेजपाल और वास्तुपाल मंदिरों में जो शैली अपनाई गई (13 वीं सदी), वह खजुराहो की वास्तुशैली से भिन्न नहीं है। ऊँचे वेदिकाओं पर इन मंदिरों के शिखर अनेक लघु बुर्जियों से सज्जित है, इस शैली की सबसे बड़ी विशेषता अतिसूक्ष्म और खूबसूरत सज्जा है। भगवान आदिनाथ ‘अथवा प्रसिद्ध दिलवाड़ा मंदिर अपने समूह का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है।
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Question 97 of 100
97. Question
Q. महावीर की माता कौन थी?
Correct
महावीर का जन्म 559 ई. पूर्व के लगभग वैशाली के निकट कुण्डग्राम में हुआ था। उनके पिता सिद्धार्थ ज्ञातृक क्षत्रियों के संघ के प्रधान थे जो वज्जि संघ का एक प्रमुख सदस्य था। उनकी माता त्रिशला वैशाली के लिच्छवि कुल के प्रमुख चेटक की बहन थी।
Incorrect
महावीर का जन्म 559 ई. पूर्व के लगभग वैशाली के निकट कुण्डग्राम में हुआ था। उनके पिता सिद्धार्थ ज्ञातृक क्षत्रियों के संघ के प्रधान थे जो वज्जि संघ का एक प्रमुख सदस्य था। उनकी माता त्रिशला वैशाली के लिच्छवि कुल के प्रमुख चेटक की बहन थी।
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Question 98 of 100
98. Question
Q. “त्रिपिटक” धार्मिक ग्रंथ है
Correct
बौद्धों का धार्मिक ग्रन्थ त्रिपिटक कहलाता है। यह ग्रन्थ पाली भाषा में है। इसको तीन भागों में बांटा गया है सुत्तपिटक (बौद्ध के सिद्धांत तथा उपदेश संग्रह है) (2) अभिधम्म पिटक (इसमें दार्शनिक सिद्धांतों का संग्रह है) (3) विनयपिटक (संघ संबंधी नियम है)
Incorrect
बौद्धों का धार्मिक ग्रन्थ त्रिपिटक कहलाता है। यह ग्रन्थ पाली भाषा में है। इसको तीन भागों में बांटा गया है सुत्तपिटक (बौद्ध के सिद्धांत तथा उपदेश संग्रह है) (2) अभिधम्म पिटक (इसमें दार्शनिक सिद्धांतों का संग्रह है) (3) विनयपिटक (संघ संबंधी नियम है)
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Question 99 of 100
99. Question
Q. जैनधर्म तथा बौद्धधर्म दोनों ही निम्नलिखित में से किसमें विश्वास नहीं करते हैं?
Correct
जैनधर्म तथा बौद्ध धर्म ने ब्राह्मणों की सामाजिक उत्कृष्टता को स्पष्ट रूप से चुनौती दी तथा उनके दो मूलभूत सिद्धांतों यज्ञीय कर्मकाण्ड तथा जातिवाद का खुलकर विरोध किया। परन्तु गौतम बुद्ध ने सामाजिक कुरीतियों का जितना प्रबल खण्डन किया महावीर ने नहीं। सामाजिक विषयों में महावीर का विचार ब्राह्मणों से बहुत कुछ मिलते-जुलते थे।
Incorrect
जैनधर्म तथा बौद्ध धर्म ने ब्राह्मणों की सामाजिक उत्कृष्टता को स्पष्ट रूप से चुनौती दी तथा उनके दो मूलभूत सिद्धांतों यज्ञीय कर्मकाण्ड तथा जातिवाद का खुलकर विरोध किया। परन्तु गौतम बुद्ध ने सामाजिक कुरीतियों का जितना प्रबल खण्डन किया महावीर ने नहीं। सामाजिक विषयों में महावीर का विचार ब्राह्मणों से बहुत कुछ मिलते-जुलते थे।
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Question 100 of 100
100. Question
Q. निम्नलिखित में से जैन धर्म का कौन-सा “त्रिरत्न” नहीं है?
Correct
जैन धर्म के अनुसार प्रत्येक जीव अपने पूर्व संचित कार्यों के अनुसार ही शरीर धारण करता है। मोक्ष के लिये तीन साधन बताए गए हैं: (1) सम्यक दर्शन-जैन धर्म के उपदेशों में दृढ़ विश्वास ही सम्यक दर्शन या श्रद्धा है। (2) सम्यक ज्ञान-जैन धर्म एवं उसके सिद्धांतों का ज्ञान ही सम्यक ज्ञान है। (3) सम्यक् चरित्र-जो कुछ भी जाना जा चुका है और सही माना जा चुका है इसे कार्यरूप में परिणत करना ही सम्यक् चरित्र है। इन तीनों को जैन धर्म में त्रिरत्न की संज्ञा दी जाती है।
Incorrect
जैन धर्म के अनुसार प्रत्येक जीव अपने पूर्व संचित कार्यों के अनुसार ही शरीर धारण करता है। मोक्ष के लिये तीन साधन बताए गए हैं: (1) सम्यक दर्शन-जैन धर्म के उपदेशों में दृढ़ विश्वास ही सम्यक दर्शन या श्रद्धा है। (2) सम्यक ज्ञान-जैन धर्म एवं उसके सिद्धांतों का ज्ञान ही सम्यक ज्ञान है। (3) सम्यक् चरित्र-जो कुछ भी जाना जा चुका है और सही माना जा चुका है इसे कार्यरूप में परिणत करना ही सम्यक् चरित्र है। इन तीनों को जैन धर्म में त्रिरत्न की संज्ञा दी जाती है।
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