Explanation : सिकंदर ए सानी की उपाधि अलाउद्दीन खिलजी ने ली। अलाउद्दीन बेहद महत्त्वाकांक्षी शासक था। उसकी इच्छा सिकंदर की तरह विश्व विजय करने की थी, साथ ही, वह एक नया धर्म भी चलाना चाहता था, किन्तु दिल्ली के कोतवाल अला-उल-मुल्क की सलाह पर ये विचार त्याग दिए। उसने सिकंदर सानी (सिकंदर द्वितीय) की उपाधि धारण की थी। अलाउद्दीन के सुल्तान बनने के बाद सैन्य अभियानों और विजयों का अभूतपूर्व दौर प्रारम्भ हुआ। सैनिकों को नकद वेतन देने की शुरूआत करने वाला पहला सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी था। उसने सैनिकों का हुलिया लिखने और घोड़ों को दागने की प्रथा भी प्रारम्भ की थी। जिसमें यथोचित परीक्षण के बाद नियुक्त सैनिक को मुर्रत्तब कहा जाता था। अलाउद्दीन ने एक विशाल शक्तिशाली स्थायी सेना रखी, जो उसकी विजयों का आधार बनी।