Explanation : सती प्रथा का प्राचीनतम साक्ष्य एरण अभिलेख से मिलता है। एरण लेख महाराज भानुगुप्त के अमात्य गोपराज के विषय में है जो उस स्थान पर भानुगुप्त के साथ सम्भवतः किसी युद्ध हेतु आया था और वीरगति को प्राप्त हुआ था। गोपराज की पत्नी यहां सती हो गई थी। इस अभिलेख को एरण का सती अभिलेख भी कहा जाता है। एरण मध्य प्रदेश के सागर जिले में है। जनरल कनिंघम ने यह सर्वप्रथम प्राचीन एरिकिण नगर की पहचान एरण से की। ऐतिहासिक महत्व को इस स्थान का उत्खनन कराने पर यहां के टीलों से प्राप्त सामग्री, मृदभांड एवं स्तर विन्यास के आधार पर ज्ञात संस्कृतियां ताम्रयुग से लेकर उत्तर मध्यकाल तक क्रमिक इतिहास बनाती है। पुरातात्विक साक्ष्यों से पता चलता है कि एक समय यह एक वैभवशाली नगर हुआ करता था। यहां से प्राप्त ध्वंसावशेषों में गुप्तकाल की भगवान विष्णु का मंदिर तथा उसके दोनों तरफ वराह तथा नृसिंह का मंदिर प्रमुख है। वराह की इतनी बड़ी प्रतिमा भारत में कहीं नहीं है।
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