भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठबंधन स्वरूप कैसा था? 

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Explanation : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठबंधन स्वरूप राष्ट्रीय संगठन था। 1885 में स्थापित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का उद्देश्य जाति धर्म या वर्ण के किसी भेदभाव के बिना सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करना था। कांग्रेस का राष्ट्रीय स्वरूप इसी से स्पष्ट हो जाता है कि इसके प्रथम अध्यक्ष व्योमेशचंद्र बनर्जी भारतीय ईसाई थे, दूसरे अध्यक्ष दादाभाई नौरोजी पारसी थे तीसरे बदरुद्दीन तैय्यबजी मुसलमान थे और चौथे तथा पांचवें अध्यक्ष जॉर्ज यल और सर विलियम वेडरबर्न अंग्रेज थे। बता दे कांग्रेस के अधिकांश सदस्य और पदाधिकारी हिन्दू थे। इसका एक कारण यह है कि भारत की अधिकांश जनता हिन्दू है। कांग्रेस में आनुपातिक रूप में मुसलमानों की संख्या कम होने का एक कारण यह भी था कि सर सैयद अहमद जैसे प्रभावशाली व्यक्ति मुसलमानों को कांग्रेस से बाहर रखने का पूरा प्रयत्न कर रहे थे। लेकिन कांग्रेस ने मुसलमानों सहित सभी वर्गों के हितों की रक्षा का पूरा-पूरा प्रयत्न किया और इस प्रकार अपने राष्ट्रीय स्वरूप को बनाये रखा।

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