हेलो फ्रेंड्स, आज के इस पोस्ट में हम मुगल साम्राज्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएंगे. जो विद्यार्थी किसी भी सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं उन सभी के लिए सामान्य ज्ञान का Knowledge होना बहुत इंपॉर्टेंट है. तथा हम जानते हैं कि इतिहास के बहुत सारे प्रश्न सभी परीक्षाओं में आते हैं. इसलिए आज के इस पोस्ट के माध्यम से मैं आप सभी को मुगल साम्राज्य का इतिहास इन हिंदी पीडीएफ उपलब्ध करवा रहे हैं.

मुगल साम्राज्य का इतिहास
मुगल साम्राज्य के शासक
यहां पर हम आपको सबसे पहले मुगल काल के महत्वपूर्ण राजा तथा सम्राटों की एक लिस्ट उपलब्ध करा रहे हैं. नीचे आपको एक लिस्ट उपलब्ध करवाई जा रही है.
- बाबर
- हिमायू
- शेरशाह सूरी
- अकबर
- जहांगीर
- शाहजहां
- औरंगजेब
अब आपको यहां पर प्रत्येक राजा के बारे में जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं.
सबसे पहले मुगल साम्राज्य के संस्थापक और प्रथम राजा बाबर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएंगे.
बाबर ( 1526- 1530 ईसवी)
- बाबर भारत में मुगल वंश का संस्थापक था और वह मध्य एशिया में स्थित फरगना का शासक था
- जहीरूद्दीन बाबर, बाबर का दूसरा नाम था
- बाबर का जन्म 24 फरवरी 1483 ईस्वी में फरगना में हुआ था
- पिता का नाम उमर शेख मिर्जा तथा माता का नाम कुतलुगनिगार खानम था
- बाबर के 4 पुत्र थे
- हिमायू
- कामरान
- अस्करी
- हिनदाल
- भारत पर पहला आक्रमण बाबर ने 1519 ईसवी में युसूफजाइयों के विरुद्ध किया था, परंतु बाबर द्वारा किया गया प्रथम महत्वपूर्ण आक्रमण 1526 ईसवी में था
- जहीरूद्दीन बाबर अपने पिता की तरफ से तुर्क का पांचवा और माता की तरफ से चंगेज खान (मंगोल) का 14 वंशज था
- बाबर के द्वारा बाजोर एवं मीरा के किले में सर्वप्रथम तोप एवं बंदूक का प्रयोग किया गया था
- बाबर के द्वारा चार महत्वपूर्ण युद्ध लड़े गए थे
- पानीपत का प्रथम युद्ध
- खानवा का युद्ध
- चंदेरी का युद्ध
- घाघरा का युद्ध
- बाबर ने पानीपत के प्रथम युद्ध 1526 ईस्वी में इब्राहिम लोदी को हराकर भारत में मुगल वंश की स्थापना की थी
- खानवा का युद्ध 1527 ईस्वी में बाबर ने राणा सांगा को हराकर गाजी की उपाधि धारण की थी
- चंदेरी के युद्ध 1528 ईसवी में बाबर ने मदीना राय को पराजित किया था
- घाघरा का युद्ध 1519 ईसवी में बाबर ने अफगान शासक महमूद लोधी को पराजित किया था
- बाबर की आत्मकथा का नाम तुजुक ए बाबरी या बाबरनामा, बाबर के द्वारा लिखी गई थी
- जहीरूद्दीन बाबर ने पानीपत के प्रथम 1526 युद्ध में तोपखाने का प्रयोग किया था तथा युद्ध की नई नीति तुलुग्मा नीति का उपयोग किया था.
- बाबर की मृत्यु 1530 इसी में आरामबाग आगरा में हुई थी
- अकबर के द्वारा बाबर का मकबरा आगरा से काबुल स्थानांतरित करवाया गया था
- बाबर के द्वारा मुंबईयान नामक पद शैली का विकास किया गया था
हिमायू( 1530- 1556 )
- नसरुद्दीन हिमायू 29 दिसंबर 15 से 30 को आगरा में 23 वर्ष की अवस्था में सिंहासन पर बैठा था
- हुमायूं ने राज्य अभिषेक के बाद अपने राज्य खुद अपने तीनों भाइयों में बांट दिया था जो राजनीतिक दृष्टि से सबसे बड़ी भूल थी
- हिमायू ने दिल्ली के निकट दीन पनाह नगर की स्थापना की थी
- दीन पनाह नगर का प्रमुख शेर शाह सुरी था
- शेरशाह सूरी ने चौसा के युद्ध में हिमायू को पराजित किया था
- 1540 ईसवी में कन्नौज अर्थात बिलग्राम का युद्ध में पराजित होने के बाद हिमायू को भारत छोड़कर बाहर जाना पड़ा था
- अपने निर्वासन काल के दौरान हिमायू आरंभ में अमरकोट के राणा वीर साल के महल में रहा और उसके बाद ईरान के साह के यहां शरण ली
- 1555 इसी में ईरान के साह और बैरम खान की मदद से उसने उन्हें दिल्ली की सत्ता हासिल की
- हिमायू के द्वारा लड़े गए चार प्रमुख युद्ध का क्रम निम्न प्रकार है
- दोहरिया का युद्ध 1532 ईसवी
- चौसा का युद्ध 1539
- बिलग्राम 1540
- सरहिंद का युद्ध 1555
- हाजी बेगम ने दिल्ली में हुमायूं का मकबरा बनवाया था
- गुलबदन बेगम हिमायू की सौतेली बहन थी
- हिमायू नामा की रचना गुलबदन बेगम के द्वारा दी गई
शेरशाह सूरी
यहां पर हम शेरशाह सूरी के द्वारा उसके साम्राज्य में किए गए कार्यों का वर्णन करेंगे. शेरशाह सूरी ने अपने राज्य काल के दौरान कौन-कौन से कार्य किए गए किस किस से युद्ध को जीता. इसके बारे में पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएंगे.
- चौसा का युद्ध में और कन्नौज के युद्ध में शेरशाह सूरी ने हिमायू कराकर भारत पर शासन किया
- शेरशाह का असली नाम फरीद था । उसे शेर की उपाधि बाहर खान लोहानी ने दी थी । चौसा के युद्ध में विजय के बाद में उसने शेर शाह की उपाधि ग्रहण की थी
- 15 से 45 ईसवी में कलिंजर का अभियान शेरशाह का अंतिम सैन्य अभियान था। इसमें गोले के विस्फोट के कारण शेरशाह सूरी की मृत्यु हो गई थी
- शेरशाह सूरी के शासनकाल के दौरान मलिक मोहम्मद जायसी ने पद्मावत की रचना की थी
- ग्रैंड ट्रंक रोड का निर्माण शेर शाह सुरी के द्वारा करवाया गया था
- शेरशाह सूरी का मकबरा सासाराम बिहार में स्थित है
- व्यापार यातायात एवं डाक सुविधा की दृष्टि से शेरशाह ने अनेक शहरों का निर्माण कराया। इनके चारों और बाजार का विकास भी किया था
- शेरशाह सूरी ने यमुना नदी के किनारे एक नगर की स्थापना की थी तथा पुराने किले में मस्जिद का निर्माण भी करवाया था
- उसने चांदी का रुपया और तांबे का दाम नामक से के चल रहे थे
- अब्बास खान शेरवानी शेरशाह सूरी का इतिहास कारा था । अब्बास खान शेरवानी ने तारीख ए शेरवानी की रचना की थी
अकबर( 1556- 1605 इसवी)
जहां पर हम आपको अकबर के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे. अकबर के शासनकाल के दौरान अकबर के द्वारा कौन-कौन से कार्य करवाए गए थे, उनके द्वारा कौन-कौन से युद्ध किए गए थे, कौन कौन से किले भवन आदि का निर्माण करवाया गया था इसके बारे में पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएंगे.
- अकबर का जन्म 1542 ईसवी में अमरकोट के राजा 20 साल के महल में हुआ था
- मां का नाम हमीदा बानो बेगम था
- अकबर का राज्य अभिषेक 1526 में कलानौर में हुआ था
- 1560 ईस्वी तक अकबर मैं बैरम खान के संरक्षण में शासन किया था तथा बैरम को वकील नियुक्त किया गया था
- बैरम खान की सहायता से सिंहासन पर बैठते ही अकबर ने 15 से 56 ईसवी में पानीपत के द्वितीय युद्ध में हेमू विक्रमादित्य को पराजित किया
- पानीपत का द्वितीय युद्ध 1526 ईस्वी में अकबर तथा हेमू के बीच में लड़ा गया था
- अकबर के समय युसूफ झाइयों का विद्रोह हुआ था
- गुजरात अभियान के दौरान अकबर ने सर्वप्रथम संबंध को देखा था था वह पुर्तगालियों से मिला था
- 1576 में हल्दीघाटी के प्रसिद्ध युद्ध में अकबर के सेनापति राजा मानसिंह ने मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप को पराजित किया था
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- अकबर के द्वारा आगरा से छत्तीसगढ़ मीटर दूर फतेहपुर सीकरी नामक नगर की स्थापना की गई थी और उसमें प्रवेश करने के लिए बुलंद दरवाजे का निर्माण अकबर के द्वारा किया गया था
- बुलंद दरवाजा का निर्माण अकबर ने गुजरात जीतने के उपलक्ष में बनवाया था
- अकबर ने फतेहपुर सीकरी में धार्मिक चर्चाओं के लिए इबादत खाने की स्थापना की थी
- इबादत खाने की स्थापना अकबर के द्वारा की गई थी
- इबादत खाने की स्थापना धार्मिक चर्चाओं के हेतु की गई थी
- अकबर के द्वारा दीन ए इलाही नामक ने धर्म की स्थापना की गई थी
- दीन ए इलाही धर्म स्वीकार करने वाला प्रथम और अंतिम हिंदू बीरबल था । अकबर के राज्य कवि फैजी एवं बीरबल के द्वारा दीन ए इलाही धर्म को स्वीकार किया गया था
- अकबर के दरबार में नवरत्न नाम से प्रसिद्ध 9 व्यक्ति थे
- बीरबल
- मानसिंह
- फैजी
- टोडरमल
- अब्दुल रहीम खानखाना
- अब्दुल फजल
- तानसेन
- हकील मुकाम
- आईने अकबरी की रचना अबुल फजल के द्वारा की गई
- अकबरनामा की रचना अबुल फजल के द्वारा की गई
- अकबर ने महाभारत का फारसी भाषा में राजनामा नाम से अनुवाद बदायूनी और नकीब खां द्वारा करवाया
- पंचतंत्र का अनुवाद अबुल फजल ने किया था
- 1580 ईस्वी में अकबर के द्वारा भू राजस्व के लिए दहसाला पद्धति शुरुआत की गई. इसमें अकबर को राजा टोडरमल का साथ मिला था जो उस समय उनके अर्थमंत्री थे
- युसूफ झाइयों के विद्रोह को दबाने के दौरान बीरबल की मृत्यु हुई थी
- मुगल साम्राज्य में मनसबदारी प्रथा अकबर के द्वारा शुरू की गई थी
- 1605 ईस्वी में अकबर की मृत्यु हुई थी
- अकबर के मकबरे का निर्माण जांगिड़ के द्वारा आगरा के निकट सिकंदरा नामक स्थान पर करवाया गया था
अकबर के द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्य
- दास प्रथा का अंत- 1562
- तीर्थ यात्रा कर समाप्त- 1563
- जजिया कर समाप्त- 1564
- फतेहपुर सीकरी की स्थापना- 1571